दुनिया-जगत

उपराष्ट्रपति हैरिस ने सीनेट में ‘टाईब्रेकर’ मतदान का लगभग 200 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा

वाशिंगटन: अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने वाशिंगटन में एक नए संघीय न्यायाधीश की नियुक्ति की पुष्टि के लिए मंगलवार को हुए मतदान में बराबर-बराबर मत (टाईब्रेक) होने पर मतदान करके अमेरिकी सीनेट में सबसे अधिक बार वोट डालने का लगभग 200 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।

न्यूयॉर्क से डेमोक्रेट सीनेटर और उच्च सदन में बहुमत के नेता चक शूमर ने हैरिस के 32वें टाईब्रेकिंग वोट को एक ‘ मील का पत्थर’ करार दिया। इससे पहले सीनेट में ‘टाइब्रेक’ होने पर उपराष्ट्रपति द्वारा सबसे अधिक बार मतदान करने का रिकॉर्ड जॉन सी कैलहौन के नाम था जिन्होंने 1825 से 1832 तक उपराष्ट्रपति के रूप में अपने आठ वर्षों के कार्यकाल के दौरान 31 बार ‘टाईब्रेकिंग’ वोट डाले थे।

 

हैरिस ने जुलाई में कैलहौन के रिकॉर्ड की बराबरी की थी। टाईब्रेकर वोट डालना उपराष्ट्रपति के लिए एकमात्र संवैधानिक कर्तव्यों में से एक है, और हैरिस को बार-बार गतिरोध तोड़ने के लिए बुलाया गया है क्योंकि सीनेट में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के बीच मत के लिहाज से बहुत कम अंतर है।

 

 

और भी

बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी देवेन पारेख को प्रमुख पद के लिए किया नामित

वाशिंगटन: भारतीय मूल के पूंजीपति देवेन पारेख को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नए कार्यकाल के लिए अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम के निदेशक मंडल में नामित किया है। पारेख न्यूयॉर्क शहर में स्थित ग्रोथ इक्विटी इन्वेस्टमेंट फंड इनसाइट पार्टनर्स में प्रबंध निदेशक हैं।

कानून के अनुसार विकास वित्त निगम निदेशक मंडल में सीनेट और हाउस नेतृत्व से राष्ट्रपति की सिफारिश पर चार सदस्य शामिल होते हैं। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि पारेख सीनेट के बहुमत नेता द्वारा अनुशंसित उम्मीदवार हैं।

 

2000 में इनसाइट में शामिल होने के बाद से पारेख ने उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया, मध्य पूर्व, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया सहित वैश्विक स्तर पर एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर डेटा और उपभोक्ता इंटरनेट व्यवसायों में 140 से अधिक निवेश किए हैं।

इनसाइट और डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन में अपने काम के अलावा पारेख काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस, कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस, एनवाईयू लैंगोन, टिश न्यूयॉर्क एमएस रिसर्च सेंटर और इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क के बोर्ड सदस्य के रूप में कार्य करते हैं।

 

वह पहले ओवरसीज प्राइवेट इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के बोर्ड, यूएस एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक के सलाहकार बोर्ड और संघीय संचार आयोग की तकनीकी सलाहकार परिषद में काम कर चुके हैं। 2021 में पारेख को रॉबर्ट एफ कैनेडी रिपल ऑफ होप अवार्ड मिला। वह एस्पेन इंस्टीट्यूट के हेनरी क्राउन फेलो भी हैं।

 

 

और भी

मोदी ने की इजरायल सहित कई राष्ट्राध्यक्षों से की मुलाकात

दुबई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अध्यक्षता में विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन सीओपी 28 के इतर यहां इज़रायल, मालदीव, स्विट्जरलैंड, उज़्बेकिस्तान और मेजबान यूएई के राष्ट्रपति और स्वीडन के प्रधानमंत्री से द्विपक्षीय मुलाकातें कीं।

विदेश मंत्रालय के अनुसार इज़रायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग से मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने क्षेत्र में चल रहे इजराइल-हमास संघर्ष पर विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने 7 अक्टूबर के आतंकवादी हमलों में लोगों की मौत पर संवेदना व्यक्त की और बंधकों की रिहाई का स्वागत किया।

 

और भी

ओपेक, अन्य आपूर्तिकर्ताओं के बीच तेल उत्पादन में कटौती पर मंथन जारी

सऊदी:  सऊदी अरब के नेतृत्व वाला तेल निर्यातक देशों का संगठन (ओपेक) और रूस सहित अन्य सहयोगी उत्पादक देश कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती पर सहमति बनाने के लिए प्रयास करेंगे। उनकी बैठक बृहस्पतिवार को हो रही है। दुनिया भर में कीमतों को सहारा देने के प्रयासों के बावजूद हाल के दिनों में कच्चा तेल टूटा है। विश्लेषकों का कहना है कि ओपेक और अन्य आपूर्तिकर्ता उत्पादन में कटौती पर आम सहमति बनाने के लिए मंथन कर रहे हैं

रिस्टैड एनर्जी के तेल बाजार अनुसंधान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जॉर्ज लियोन ने कहा कि समूह ने मूल रूप से रविवार के लिए निर्धारित अपनी बैठक को चार दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया था, जिससे पता चलता है कि एक नया समझौता चुनौतीपूर्ण साबित होगा।

उन्होंने एक विश्लेषण में कहा, चुनौतियों के बावजूद हमें अभी भी उम्मीद है कि ओपेक और अन्य देश उत्पादन घटाने पर समझौता कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रत्येक सदस्य देश 2024 में कीमतों का समर्थन करने के लिए उत्पादन कम करने की जरूरत को समझता है।

रूस तेल से अधिक कमाई चाहता है, क्योंकि वह पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के ताजा अनुमान के अनुसार सउदी को अपने व्यय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लगभग 86 डॉलर प्रति बैरल की दर से तेल आय आर्जित करनी होगी।

 

 

और भी

हमास ने गाजा पट्टी से रिहा किये इजरायल के 16 बंधक

यरूशलम: इजरायल की सरकार ने बुधवार देर रात पुष्टि की कि हमास द्वारा गाजा पट्टी से रिहा किये गये बंधकों का छठा जत्था इजरायल लौट आया है। इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि रिहा किए गए 16 बंधकों में 12 इजरायली (इनमें से कुछ के पास दोहरी नागरिकता है) और चार थाईलैंड के नागरिक हैं। कार्यालय के अनुसार अपने परिवारों के पास जाने से पहले प्रारंभिक चिकित्सा परीक्षण से गुजरना होगा।

उल्लेखनीय है कि कतर के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि इजराइल और हमास के बीच चार दिवसीय मानवीय संघर्ष विराम (जो मंगलवार सुबह समाप्त होने वाला था) को दो दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। इज़रायल ने विस्तार पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन मंगलवार की सुबह कहा कि अगर अधिक इज़रायली बंधकों को रिहा किया जाता है, तो उसने 50 और महिला फ़िलिस्तीनी कैदियों की रिहाई को मंजूरी दे दी है।

गौरतलब है कि सात अक्टूबर को हमास ने इज़राइल में हमला किया था। इस दौरान हमास के आतंकवादी 200 से अधिक लोगों को बंधक बना कर गाजा ले गए थे। इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पट्टी में घातक हवाई हमले और जमीनी हमले शुरू किए।

 

 

और भी

हमास ने बंधकों का चौथा जत्था किया रिहा, संघर्ष विराम दो दिन और बढ़ा

गाजा: हमास ने गाजा में बंधक बनाए गए इजरायली बंधकों के चौथे जत्थे को रिहा कर दिया है और आने वाले दिनों में और भी लोगों के रिहा होने की उम्मीद है क्योंकि इजरायल और हमास मौजूदा युद्धविराम को अगले दो दिनों के लिए बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।

एक फ़िलिस्तीनी सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सोमवार को इज़राइल के साथ संघर्ष विराम के चौथे चरण में 11 बंधकों को रेड क्रॉस अधिकारियों को सौंप दिया गया था।

सोमवार रात को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने बयान को अपडेट करते हुए कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि रिहा किए गए 11 बंधक दोहरे नागरिक हैं। इनमें तीन इजरायली-फ्रांसीसी नागरिक, दो इजरायली-जर्मन नागरिक और छह इजरायली-अर्जेंटीना नागरिक शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा कि बदले में, 30 नाबालिगों और तीन महिलाओं सहित 33 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा। इजरायली सेना ने एक बयान में पुष्टि की कि नए रिहा किए गए बंधक हमास द्वारा रेड क्रॉस को सौंपे जाने के बाद इजरायल पहुंचे ।बयान में कहा गया है, आईडीएफ (इज़राइल रक्षा बल) विशेष बल और आईएसए (इज़राइल सुरक्षा एजेंसी) बल वर्तमान में इजरायली क्षेत्र में रिहा किए गए 11 बंधकों के साथ हैं।

7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल पर अपने घातक हमले में हमास आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए जाने के 52 दिन बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।आईडीएफ के आंकड़ों के मुताबिक, हमास द्वारा पकड़े गए लगभग 240 बंधकों में से एक तिहाई से भी कम को अब तक रिहा किया गया है।शुरुआती चार दिवसीय समझौते के तहत, हमास इजरायली जेलों से लगभग 150 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में 50 इजरायली बंधकों को रिहा करेगा।

 

 

और भी

अमेरिका में तीन फिलिस्तीनी छात्रों को मारी गोली

न्यूयॉर्क: अमेरिका के वर्मोंट में एक विश्वविद्यालय परिसर के पास तीन फिलिस्तीनी छात्रों को गोली मार दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना बर्लिंगटन शहर में वर्मोंट विश्वविद्यालय के परिसर के पास शनिवार शाम को हुई।पीडि़तोें की पहचान हिशाम अवतानी, किन्नान अब्देल हामिद और तहसीन अहमद के रूप में हुई। उन पर उस समय हमला किया गया, जब वे एक पारिवारिक रात्रिभोज के लिए जा रहे थे।

वे अमेरिका के विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं।यूके में फ़िलिस्तीनी मिशन के प्रमुख हुसाम ज़ोमलॉट ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा: तीन फ़िलिस्तीनी छात्रों हिशाम अवतानी, तहसीन अली और केनान अब्दुलहामिद काेे कल रात बर्लिंगटन, संयुक्त राज्य अमेरिका में रास्ते में गोली मार दी गई। वे गंभीर रूप से घायल हैं। ज़ोमलॉट ने पोस्‍ट में कहा, और छह सप्ताह पहले, इलिनोइस में घृणा अपराध में 6 वर्षीय फिलिस्तीनी बच्चे को 26 बार चाकू मारा गया था। फिलिस्तीनियों के खिलाफ घृणा अपराध बंद होने चाहिए। फिलिस्तीनियों को हर जगह सुरक्षा की आवश्यकता है।

और भी

नेतन्याहू ने गाजा में किया प्रवेश, ‘अंत तक’ लड़ाई जारी रखने का लिया संकल्प

गाजा: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गाजा में इजराइली नियंत्रण के स्पष्ट संकेत देते हुए रविवार को अपने वरिष्ठ सहयोगियों के साथ हमास के शासन वाले इलाके में दाखिल हुए और इजराइली सैनिकों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने ‘अंत तक’ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। एक आधिकारिक प्रेस वक्तव्य में कहा गया है कि नेतन्याहू ने कमांडरों और सैनिकों से सुरक्षा जानकारी हासिल की और एक सुरंग का दौरा किया।

नेतन्याहू ने कहा, हम अपने वीर सैनिकों के साथ यहां गाजा पट्टी में हैं। हम अपने बंधकों को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, और अंत में हम उन सभी को वापस ले आएंगे।

इस युद्ध में हमारे तीन लक्ष्य हैं:हमास को खत्म करना, हमारे सभी बंधकों को छुड़ाना और यह सुनिश्चित करना कि गाजा फिर से इजराइल के लिए खतरा न बने। इजरायल के प्रधानमंत्री के साथ ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ तजाची ब्रेवरमैन और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के निदेशक तजाची हानेग्बी समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

और भी

रूस ने की भारत के जी20 शिखर सम्मेलन अध्यक्षता की तारीफ

मास्को: जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के कारण दुनिया भर में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ हो रही है। इस बीच एक बार फिर रूस ने नई दिल्ली में आयोजित सम्मेलन की तारीफ की। रूस के राष्ट्रपति आवास क्रेमलिन का कहना है कि भारत की अध्यक्षता में आयोजित हुए शिखर सम्मेलन के परिणामों का मूल्यांकन किया है, जिसे बेहद उत्पादक माना गया है।

बता दें, नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था। वर्चुअल शिखर सम्मेलन को लेकर उन्होंने कहा कि वास्तव में यूक्रेनी मुद्दे पर स्थिति अलग-अलग है। विभिन्न देशों ने अलग-अलग वाक्यांशों का इस्तेमाल किया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भी अपनी बात रखी। राष्ट्रपति को सुना गया। राष्ट्रपति ने दूसरों को सुना। दोनों एक-दूसरे को सुने यह महत्वपूर्ण है। इस दौरान पुतिन ने भारत को अच्छे कामों के लिए धन्यवाद दिया।

 
और भी

अमेरिका में भारतीय डॉक्टर ने हिंदू धर्म के लिए दान किए 33 करोड़ रुपये

वाशिंगटन: अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर मिहिर मेघानी ने हिंदू धर्म के प्रचार के लिए 40 लाख डॉलर (करीब 33 करोड़ रुपये) दान करने की घोषणा की है। डॉ मेघानी का कहना है कि उनके संगठन 'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' ने इस साल सिलिकॉन वैली के वार्षिक समारोह में अगले 8 सालों में हिंदू हितों के लिए 15 लाख डॉलर दान देने का संकल्प लिया। उससे समय-समय पर किया गया उनका कुल दान 40 लाख डॉलर हो जाएगा।

डॉ मेघानी ने कहा हिंदू सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका है और इसे बस आस्था या विश्वास मानना गलत है। उन्होंने कहा कि अमेरिकियों को यह बात समझने में दिक्कत होती है क्योंकि ज्यादातर ईसाई हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका के लोगों को लगता है कि हिंदू भी बस एक धर्म है, लेकिन ऐसा नहीं है।

उन्होंने कहा कि वह और उनकी पत्नी लाखों डॉलर नहीं कमा रहे, लेकिन यह उनका धर्म और कर्तव्य है। डॉ मेघानी ने 2003 में अपने 3 दोस्तों, यूरोलॉजिस्ट असीम शुक्ला, वकील सुहाग शुक्ला और श्रम कानून वकील निखिल जोशी, के साथ मिलकर हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की स्थापना की थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर पिछले 15 सालों में इस संगठन को 15 लाख डॉलर का दान दिया है। साथ ही हिंदू और भारत समर्थक संगठनों को भी 10 लाख डॉलर दान किए। इस तरह उनका कुल 40 लाख डॉलर का दान है।

 

 

और भी

गाजा में सात हफ्ते तक रहने के बाद इजराइल पहुंचे रिहा किए गए बंधक: इजराइली सेना

गाजा: इजराइली सेना का कहना है कि युद्ध विराम समझौते के तहत हमास की ओर से रिहा किए गए बंधक इजराइल लौट आए हैं।

इजराइली सेना के अधिकारियों ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि बंधकों की इजराइली क्षेत्र के अंदर प्रवेश करते ही प्रारंभिक चिकित्सा जांच की गई।

इजराइली सैनिक बंधकों को उनके परिवारों से मिलाने के लिए अस्पतालों में ले गए।कतर ने कहा है कि कुल 24 बंधकों को मुक्त कराया गया, जिनमें 13 इजराइली नागरिक भी शामिल हैं इजराइल ने शुक्रवार को पुष्टि की कि उसने युद्ध विराम समझौते के तहत 39 फलस्तीनी कैदियों को रिहा कर दिया है। इसके कुछ घंटे पहले गाजा में हमास के उग्रवादियों ने 13 इजराइली बंधकों को रिहा कर दिया था।

कैदियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन कदुरा फरेस नामक संगठन ने बताया कि वेस्ट बैंक में रिहा किए गए 33 कैदियों को रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति की एक टीम को सौंप दिया गया। जबकि शेष छह कैदियों को यरुशलम की एक जेल से रिहा किया जा रहा है।

दोनों पक्षों की ओर से कैदियों और बंधकों की रिहाई शुक्रवार से शुरू हुए इजराइल-हमास युद्ध में चार दिवसीय युद्ध विराम के समझौते का हिस्सा थी। इस समझौते के तहत अगले चार दिनों में 150 फलस्तीनी कैदियों और 50 इजराइली बंधकों को रिहा किया जाना है।

 

 

और भी

डेनियल नोबोआ ने ली इक्वाडोर के राष्ट्रपति पद की शपथ

क्विटो:  डेनियल नोबोआ ने गुरुवार को इक्वाडोर के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इस मौके पर श्री नोबोआ ने अपने 18 महीने के संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान देश को आगे बढ़ाने, गरीबी कम करने और अपराध से निपटने का वादा किया। उन्होंने कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो सहित लगभग 600 मेहमानों के सामने कहा, मैं एक स्वतंत्र और व्यावहारिक व्यक्ति हूं, जो सहानुभूति के साथ इक्वाडोरवासियों के जीवन को बेहतर बनाना चाहता है।

मैं एक ऐसे राज्य में विश्वास करता हूं, जिसका प्राथमिक लक्ष्य हिंसा को कम करना और प्रगति को आदत बनाना है। गौरतलब है कि श्री गुस्तावो पेट्रो और अंतरराष्ट्रीय दूत इक्वाडोर की एकसदनीय विधायिका नेशनल असेंबली में एकत्रित हो रहे हैं। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद संक्षिप्त भाषण में श्री नोबोआ ने कहा कि इक्वाडोर जिस कठिन समय से गुजर रहा है, उसके बावजूद उन्होंने देश की भलाई के लिए और एक युवा दृष्टिकोण के साथ राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया।

यह हमेशा की तरह राजनीति से अलग है। उन्होंने कहा, कार्य कठिन और दिन कम हैं। उन्होंने कहा कि वह चुनौतियों का सामना करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय एकता का आह्वान किया और राजनीतिक नेताओं से आग्रह किया कि वे अपने मतभेदों को दूर रखें, ताकि इक्वाडोर को प्रभावित करने वाली प्रमुख समस्याओं को हल करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।

नेशनल डेमोक्रेटिक एक्शन गठबंधन के नेता नोबोआ ने 15 अक्टूबर को राष्ट्रपति पद के चुनाव में जीत हासिल की थी। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति के तौर पर श्री गिलर्मो लासो का कार्यकाल 2025 में समाप्त हो रहा था, लेकिन उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण यहां राष्ट्रपति पद का चुनाव कराना पड़ा।

 
और भी

उत्तर कोरिया ने सैन्य जासूसी उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित करने का दावा किया

 कोरिया: उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि उसने एक सैन्य जासूसी उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया है। उत्तर कोरिया के अंतरिक्ष अधिकारियों ने बुधवार सुबह जारी एक बयान में कहा कि उसके अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान ने मंगलवार रात ‘मल्लीगयोंग-1’ नामक उपग्रह को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। उत्तर कोरिया के इस दावे की अब तक पुष्टि नहीं की जा सकी है। उत्तर कोरिया की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उसके नेता किम जोंग उन ने उपग्रह के इस प्रक्षेपण का निरीक्षण किया।

 

बयान में कहा गया है कि यह जासूसी उपग्रह अपने प्रतिद्वंद्वियों के शत्रुतापूर्ण सैन्य कदमों के जवाब में उत्तर कोरिया की युद्ध तत्परता को बढ़ाएगा। इसमें कहा गया कि उत्तर कोरिया भविष्य में भी ऐसे ही और अधिक जासूसी उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है।

 

 

और भी

गाजा में तलाशी और बचाव अभियान में शामिल हुईं महिला सैनिक

तेल अवीव: इजरायली सेना द्वारा 27 अक्टूबर को गाजा में जमीनी आक्रमण शुरू करने के बाद पहली बार, महिला सैनिक हमास-नियंत्रित क्षेत्र में तलाशी और बचाव कार्यों में शामिल हुई हैं। होम फ्रंट कमांड के सर्च और रेस्क्यू ब्रिगेड के तहत मिक्स्ड-जेंडर वाली शचर बटालियन की महिला लड़ाकू सैनिक मैदान पर बलों के नेतृत्व में ऑपरेशन में शामिल हुईं।

बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल यार्डन ने कहा, शचर बटालियन के पुरुष और महिला सैनिक जीत हासिल करने के लिए सब कुछ करेंगे और हम इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमें इसी के लिए प्रशिक्षित किया गया है और हम यही करेंगे।

बटालियन सर्च और रेस्क्यू ब्रिगेड से जुड़ी हुई है, जो ऑपरेशन से संबंधित आवश्यकताओं के अनुसार संरचनाओं और इमारतों से निकासी और बचाव प्रयासों का नेतृत्व करती है।

अपने बयान में, लेफ्टिनेंट कर्नल यार्डन ने आगे कहा कि यूनिट वर्तमान में 162 डिवीजनों की सेनाओं के प्रबंधन में मदद करने में एक प्रमुख भूमिका निभा रही हैं और मुख्य मिशन इमारतों को तोड़ने में ब्रिगेड और बटालियनों की सहायता करना और आवश्यकता पड़ने पर एक महत्वपूर्ण बचाव बल के रूप में काम करना है।

आईडीएफ की सर्च और रेस्क्यू ब्रिगेड की कमान कर्नल एलाद एड्री के पास है, जिन्होंने कहा कि शचर बटालियन के पुरुष और महिला सैनिक गाजा पट्टी के अंदर बटालियनों और ब्रिगेड के साथ जाते हैं।

उन्होंने कहा कि डिवीजन के बलों में दीवारों, छतों और जटिल संरचनाओं को तोड़ने की क्षमता है और अगर कोई संरचना यूनिट पर गिरती है तो वे सैनिकों को बचाने में भी सक्षम हैं।

उन्होंने कहा कि यूनिट युद्ध समाप्त होने तक आईडीएफ की ऑपरेशनल यूनिट के साथ रहेगी और उन्होंने कहा कि यूनिट गाजा पट्टी में महीनों तक रहने के लिए तैयार है।

और भी

जो बाइडन, शी जिनपिंग फिर से मिलने पर हुए सहमत

वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने  बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले हफ्ते की मुलाकात के दौरान फिर से मिलने पर सहमत हुए हैं, लेकिन उन्होंने कोई तारीख नहीं बताई। दोनों नेताओं ने सैन फ्रांसिस्को के बाहरी इलाके में मुलाकात की और सैन्य-से-सैन्य संचार को फिर से स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि वे एक और बैठक के लिए सहमत हैं, लेकिन तारीख तय नहीं की है।

और भी

इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए समझौते की संभावना बढ़ी

दोहा: कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा कि फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में इजरायली बंधकों को रिहा करने के लिए हमास और इजरायल के बीच एक समझौते की संभावना हाल के दिनों में बढ़ गई है।

श्री थानी ने दोहा में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, गाजा में बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों को उनके परिवारों को लौटाने के लिए एक समझौते पर पहुंचने की संभावना में हमारा विश्वास हाल के दिनों में बढ़ गया है क्योंकि हम बातचीत के लक्ष्य के करीब पहुंच रहे हैं। बाधाएं केवल तार्किक और तकनीकी हैं, वास्तविक नहीं।

 

और भी

गाजा में फिलीस्तीनियों की मौत का आंकड़ा 13 हजार के पार

गाजा: इजराइल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद से गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी मरने वालों की संख्या 13,000 से अधिक हो गई है। गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय ने यह जानकारी दी। मीडिया कार्यालय के महानिदेशक इस्माइल अल-थवाब्ता ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मृतकों में 5,500 बच्चे और 3,500 महिलाएं है , जबकि 30,000 से अधिक अन्य घायल हुए है।

अल-थवाब्ता ने कहा कि लापता लोगों की संख्या 6,000 से अधिक हो गई है, जिनमें 4,000 बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं जो अभी भी इजरायली हमलों से नष्ट हुई इमारतों के मलबे में दबे हुए हैं। सात अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल पर हमास के अचानक हुए हमले का बदला लेने के लिए इज़राइल पिछले कुछ हफ्तों से गाजा पर हमले कर रहा है, जिसके दौरान हमास के आतंकवादियों ने लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था।

 

 

और भी

रूस बना रहा चांद पर अंतरिक्ष यात्री भेजने की योजना, जानें क्या है इरादा

रूस: मानव अंतरिक्ष उड़ानों के लिए जिम्मेदार रूसी निगम के अनुसार, रूस अपने इतिहास में पहली बार अगले दशक में चंद्रमा पर उतरने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है और 2031 से चंद्रमा बेस बनाने का इरादा रखता है। टीएएसएस ने बुधवार को कहा कि आरकेके एनर्जिया के व्लादिमीर सोलोविओव द्वारा प्रस्तुत एक मसौदा योजना में कहा गया है कि रूस चंद्रमा पर मानव मिशन की योजना बना रहा है, जिसमें चंद्रमा पर पहली रूसी मानव लैंडिंग भी शामिल है।  योजना में चंद्रमा के संसाधनों के दोहन की भी बात कही गई थी। अगस्त में 47 वर्षों में रूस का पहला चंद्रमा मिशन विफल हो गया जब उसका लूना-25 अंतरिक्ष यान नियंत्रण से बाहर हो गया और चंद्रमा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जो एक बार शक्तिशाली अंतरिक्ष कार्यक्रम द्वारा अनुभव की गई सोवियत-बाद की समस्याओं को रेखांकित करता है। अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग को 1969 में चंद्रमा पर चलने वाले पहले व्यक्ति बनने के लिए प्रसिद्धि मिली, लेकिन सोवियत संघ का लूना-2 मिशन 1959 में चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला पहला अंतरिक्ष यान था, और 1966 में लूना-9 मिशन पहला था।   12 अप्रैल, 1961 को यूरी गगारिन बाहरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले मानव बने, लेकिन सोवियत अंतरिक्ष यात्रियों ने कभी चंद्रमा पर मानव लैंडिंग नहीं की। 

और भी