दुनिया-जगत

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चेक गणराज्य में भारतीय समुदाय से मुलाकात की

प्राग (छत्तीसगढ़ दर्पण)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की और उनके साथ चेक गणराज्य के घटनाक्रम और द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति पर चर्चा की। जयशंकर मध्य यूरोप के दो देशों, स्लोवाकिया और चेक गणराज्य के साथ संबंधों को और गति देने के लिए अपने दौरे के अंतिम चरण में प्राग पहुंचे हैं। जयशंकर ने ट्वीट किया, प्राग में भारतीय समुदाय से मिलकर काफी खुशी हुई। उनमें से कई को अपने जीवन में बेहतर करते देखकर काफी अच्छा लगा। यहां समुदाय का विस्तार भी प्रेरणादायक है। उनके साथ घरेलू घटनाक्रम और द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति पर चर्चा की। उनके निरंतर समर्थन पर भरोसा है।

विदेश मंत्री स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा से शनिवार को प्राग पहुंचे थे। जयशंकर ने रविवार को चेक गणराज्य के वित्त मंत्री से भी मुलाकात की थी। चेक गणराज्य एक जुलाई से यूरोपीय संघ (ईयू) की अध्यक्षता संभालेगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चेक गणराज्य में करीब 5,000 भारतीय नागरिक बसे हैं, जिनमें से अधिकतर आईटी पेशेवर, व्यवसायी और छात्र हैं। यहां भारतीयों/भारतीय मूल के लोगों के कई अनौपचारिक संघ हैं, जो दूतावास के सहयोग से सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

जयशंकर की यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब यूरोप यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के प्रभावों से जूझ रहा है और यूरोपीय देश भारत को लगातार रूस के कदमों को लेकर एक सटीक रुख अपनाने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।

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चेतावनियों को दरकिनार कर किम जोंग ने किया 8 बैलिस्टिक मिसाइलों का परिक्षण…

 प्योंगयांग/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपनी हरकतों को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं। अमेरिका और अपने पड़ोसी मुल्क दक्षिण कोरिया की चेतावनी के बावजूद किम आए दिन मिसाइल परीक्षण कर रहे हैं। अब खबर है कि उत्तर कोरिया ने रविवार सुबह एक अज्ञात बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। मिसाइल लॉन्च की जानकारी दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के हवाले से आई है।

वहीं सूत्रों का कहना है कि उत्तर कोरिया ने एक के बाद एक करके आठ बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। यह दावा एक सरकारी सूत्र के हवाले से किया गया है। इससे पहले उत्तर कोरिया अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण भी कर चुका है।

उत्तर कोरिया की ओर से यह मिसाइल परीक्षण ऐसे समय में किया गया है, जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया से उसका विवाद बढ़ता ही जा रहा है। जानकारी के तहत एक दिन पहले यानी शुक्रवार को ही अमेरिकी प्रतिनिधि दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल पहुंचे थे। ऐसे में हालिया घटनाक्रम इस तनाव को और बढ़ा सकता है।

अमेरिका ने हाल ही में उत्तर कोरियाई मिसाइल परीक्षण कार्यक्रम के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उत्तर कोरिया की कंपनी तथा एक शख्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह कार्रवाई इन पर उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण का समर्थन करने पर की गई थी। इसके बाद अमेरिक उत्तर कोरिया को चेताया कि अगर किम जोंग उन अपनी हरकतों से बाज नहीं आते तो ऐसे प्रतिबंध और लगाए जा सकते हैं।

प्रतिबंधित है ICBM मिसाइल
पिछले दिनों उत्तर कोरिया द्वारा जिस अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया गय था, वह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद किम जोंग इस मिसाइल का परीक्षण कर रहे हैं। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक और परमाणु हथियारों के परीक्षण पर रोक लगा रखी है। इसके उल्लंघन के बाद यूएन ने और भी सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बातचीत के बाद लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों और परमाणु परीक्षणों के परीक्षण पर रोक लगा दी थी, लेकिन 2020 में किम पलट गए थे। उन्होंने एलान कर दिया था कि वह इससे बंधे नहीं हैं।

 
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कंटनेर डिपो में लगी आग : 20 की मौत, 450 से ज्यादा घायल…

ढाका/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। बांग्लादेश के चटगांव में शनिवार की रात बड़ा हादसा हो गया। यहां के सीताकुंडा उपजिला में एक निजी इनलैंड कंटेनर डिपो (ICD) में विस्फोट के कारण लगी आग में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 450 से अधिक घायल हो गए। शवों को मुर्दाघर में रख दिया गया है।

रेड क्रिसेंट यूथ चटगांव में स्वास्थ्य और सेवा विभाग के प्रमुख इस्ताकुल इस्लाम ने बताया, “इस घटना में 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कम से कम 350 सीएमसीएच में हैं। अन्य अस्पतालों में मरने वालों की संख्या अधिक हो सकती है।”

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उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु कतर पहुंचे, दोहा हवाई अड्डे पर किया गया स्वागत

 दोहा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में कतर की राजधानी दोहा पहुंचे। कतर के विदेश राज्य मंत्री सुल्तान बिन साद अल मुरेखी और अन्य लोगों ने दोहा हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट में कहा कि उपराष्ट्रपति का दोहा हवाई अड्डे पर औपचारिक स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

इससे पहले, उपराष्ट्रपति की सेनेगल की तीन दिन की यात्रा सफलतापूर्वक संपन्‍न हुई। श्री नायडु के साथ एक उच्चस्तरीय शिष्टमण्डल भी गया है जिसमें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉक्टर भारती पवार, तीन सांसद- सुशील कुमार मोदी, विजय पाल सिंह तोमर और पी. रविन्द्रनाथ शामिल हैं।

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प्रिंस चार्ल्स ने जुबली कॉन्सर्ट में महारानी एलिजाबेथ को सम्मानित किया

लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के शासन के 70 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित चार-दिवसीय प्लैटिनम जुबली समारोह के तीसरे दिन शनिवार को बकिंघम पैलेस के सामने एक विशेष संगीत कार्यक्रम में प्रिंस चार्ल्स और उनके बेटे प्रिंस विलियम ने महारानी को सम्मानित किया।

इस दौरान खुले में आयोजित ‘पार्टी एट द पैलेस’ समारोह में करीब 22,000 लोग एकत्र हुए, जिनके सामने डायना रॉस, रॉक बैंड क्वीन, डुरान डुरान, एलिसिया कीज और अन्य कलाकारों ने प्रस्तुति दी। महारानी एजिलाबेथ (96) समारोह में शामिल नहीं हुई, लेकिन रिकॉर्ड किए गए वीडियो में उन्हें ‘पैंडिंगटन बीयर’ के एनिमेटेड संस्करण के साथ देखकर लोगों की भीड़ खुश हो गई। कॉन्सर्ट की शुरुआत में महारानी और ‘पैंडिंगटन बीयर’ के एक छोटे हास्य नाटक का वीडियो प्रदर्शित किया गया और कार्यक्रम के अंत में महारानी के पुत्र और पौत्र ने भाषण दिया।

चार्ल्स ने अपने भाषण की शुरुआत में महारानी को महामहिम, मां के रूप में संबोधित किया और फिर ‘‘आजीवन निस्वार्थ सेवा’’ करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। महारानी ने सबसे बड़े पुत्र प्रिंस चार्ल्स ने बताया कि एलिजाबेथ ने किन नेताओं से मुलाकात की है और उनके शासनकाल में उन्हें शीत युद्ध की शुरुआत से लेकर सूचना के युग तक असीमित राजकीय पत्र मिले हैं। उन्होंने तेजी से बदलती इस दुनिया में ब्रिटेन और राष्ट्रमंडल को एकजुट करते हुए ‘स्थिरता के प्रतीक’ के रूप में अपनी मां की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

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दुनिया की बड़ी चुनौतियों का समाधान भारत के सहयोग के बिना संभव नहीं : एस. जयशंकर

 

ब्रातीस्लावा/नई दिल्ली(छत्तीसगढ़ दर्पण)। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद पश्चिमी देशों की तरफ से बार-बार यह सवाल उठाया जा रहा है कि नए वैश्विक हालात में भारत अमेरिका की तरफ होगा या चीन-रूस की तरफ। शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्वयं इस सवाल का साफ-साफ जवाब दिया और वह भी वैश्विक मंच से। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी धुरी में शामिल नहीं होगा क्योंकि भारत स्वयं एक ताकतवर देश और बड़ी आर्थिक शक्ति है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के समक्ष मौजूदा बड़ी चुनौतियों का समाधान बिना भारत के सहयोग के नहीं हो सकता।

विदेश मंत्री ने पूरी दुनिया को सिर्फ अपने नजरिए से देखने के यूरोपीय देशों के रवैये को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि भारत अपने हितों के मुताबिक ही आगे बढ़ेगा। जयशंकर अभी चेक गणराज्य और स्लोवाकिया की यात्रा पर हैं। स्लोवाकिया यात्रा के दौरान बेहद प्रतिष्ठित ब्रास्तीस्लावा फोरम में हिस्सा लेते हुए विदेश मंत्री बदलते वैश्विक हालात पर पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे। उनसे पूछा गया कि जब दुनिया में दो धुरी बनने के संकेत हैं जिसमें एक अमेरिका व पश्चिमी देशों की होगी और दूसरी चीन व रूस की होगी तो भारत किस तरफ होगा। जयशंकर का जवाब था, मैं इस बात से असहमत हूं कि भारत को किसी धुरी में शामिल होने की जरूरत है। मैं इस बात को भी खारिज करता हूं कि अगर मैं एक समूह के साथ नहीं हूं तो दूसरे समूह के विरोध में हूं।

जयशंकर ने इस बयान को भी खारिज किया कि भारत तटस्थ है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी जमीन पर है। आज दुनिया में जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी कई चुनौतियां हैं और इनका समाधान या तो भारत से निकलेगा या भारत इससे निपटने में अहम योगदान देगा। इस दौरान जयशंकर ने यूक्रेन-रूस के हालात को भारत और चीन से जोड़ने की कोशिशों को भी खारिज किया। चीन के साथ जारी तनाव के बारे में जयशंकर ने कहा कि भारत इस कठिन रिश्ते में अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम है। अगर वैश्विक हालात से मैं सीख लेने की कोशिश करता हूं तो इससे मदद मिलेगी, लेकिन एक जगह विवाद में मैं मदद करता हूं तो मुझे दूसरे विवाद में मदद मिलेगी, दुनिया ऐसे नहीं चलती।

जयशंकर ने कहा कि चीन दूसरी जगह की घटनाओं से सीख लेकर यह तय नहीं करेगा कि उसे भारत के साथ किस तरह का व्यवहार करना है या नहीं करना है। भारत और चीन में तनाव यूक्रेन-रूस विवाद के पहले से जारी है। जयशंकर का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कई देश यूक्रेन-रूस के हालात को भारत-चीन तनाव से जोड़कर पेश कर रहे हैं। वे ऐसा बता रहे हैं कि अगर भारत अभी रूस का विरोध नहीं करता है तो भविष्य में चीन के साथ विवाद बढ़ने पर दूसरे देश भारत की मदद नहीं करेंगे।

अपनी समस्या को दुनिया की समस्या मानने की मानसिकता छोड़े यूरोप

जयशंकर ने यूरोपीय देशों को सीख भी दे डाली कि उन्हें इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि उनकी समस्या दुनिया की समस्या है, लेकिन दुनिया की समस्या उनकी समस्या नहीं है। यूरोप एशिया की कई समस्याओं पर चुप्पी साधे रहता है। आज एशिया में बहुत कुछ ऐसा हो रहा है जिस पर यूरोपीय देश कुछ नहीं बोल रहे। ऐसे में एशिया के लोग यूरोप पर किसी तरह का भरोसा क्यों करेंगे। वैसे भी दुनिया में बहुत कुछ बदल रहा है। दुनिया हमेशा यूरोप केंद्रित नहीं रह सकती।

यूरोपीय देश रूस से तेल खरीद सकते हैं तो दूसरे क्यों नहीं

विदेश मंत्री ने रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले पर सवाल उठाने वाले यूरोपीय देशों को भी कठघरे में खड़ा किया और सवाल किया कि क्यों यूरोपीय देश रूस से तेल और गैस खरीद सकते हैं, लेकिन दूसरे देश नहीं खरीद सकते। यह कैसे कहा जा सकता है कि भारत से जो पैसा रूस को जा रहा है उसी का इस्तेमाल युद्ध के लिए हो रहा है, यूरोपीय देशों के पैसे का नहीं।

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मानवाधिकार को लेकर सऊदी अरब पर अपना रुख नहीं बदलने वाला : बाइडन

रेहोबोथ बीच (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने प्रमुख तेल उत्पादकों द्वारा उत्पादन बढ़ाने के लिए सऊदी अरब की प्रशंसा होने के बावजूद वहां मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर अपने विचार नहीं बदले हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में बाइडन ने सऊदी अरब को मानवाधिकार हनन को लेकर अलग-थलग करने का संकल्प जताया था।

बाइडन ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि वह भविष्य में सऊदी अरब जाएंगे या नहीं, लेकिन उनकी फिलहाल वहां का दौरा करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने माना कि वह आगे चलकर इजराइल और सऊदी अरब सहित कुछ अरब देशों के नेताओं से मिलने की उम्मीद करते हैं।

हालांकि, व्हाइट हाउस राष्ट्रपति की इस यात्रा की योजना को लेकर अधिक स्पष्ट नजर आता है। योजना से वाकिफ व्हाइट हाउस के एक व्यक्ति ने कहा कि बाइडन ने सऊदी अरब के साथ-साथ इजराइल का दौरा करने का फैसला किया है और वह संभवतः इस महीने यूरोप में कई शिखर बैठकों के लिए पहले से निर्धारित अपने यात्रा कार्यक्रम के बीच इन देशों में जा सकते हैं। हालांकि, उनके यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

सऊदी अरब की संभावित यात्रा के बारे में पूछे जाने पर बाइडन ने संवाददाताओं से कहा, देखिए, मैं वहां मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर अपने विचार नहीं बदलने जा रहा हूं। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में अगर मैं शांति लाने की दिशा में कुछ कर सकता हूं तो जरूर करूंगा। मैं यही करने की कोशिश कर रहा हूं।

अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में बाइडन ने शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के क्रूर तरीकों की आलोचना की थी और अमेरिका के पत्रकार जमाल खाशोगी की 2018 की हत्या के लिए सउदी अरब को अलग-थलग करने का संकल्प जताया था। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कहा है कि शहजादे सलमान ने खाशोगी को मंजूरी दी थी।

इससे पहले, व्हाइट हाउस ने ओपेक प्लस समूह के तेल उत्पादन के संकल्प को हासिल करने में सऊदी अरब की भूमिका की प्रशंसा की थी। वहीं, बाइडन ने यमन के साथ सात साल से जारी युद्ध में 60 दिनों के संघर्ष-विराम विस्तार पर सऊदी अरब के इस सप्ताह सहमति जताने को साहसिक नेतृत्व का प्रदर्शन बताते हुए इस कदम की सराहना की थी।

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30 रुपए तक बढ़े पेट्रोल के दाम, डीजल में भी बढ़ोतरी…

 

इस्लामाबाद/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पहले से ही महंगाई के बोझ तले दबी जनता को आज एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पाकिस्तान में एक बार फिर पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने एक बार फिर पेट्रोल की कीमतों में 30 रुपए बढ़ाने का ऐलान किया है। इसके बाद पाकिस्तान में अब पेट्रोल की कीमत 209.86 हो गई है। इसके साथ ही डीजल की कीमत भी 204.15 रुपए कर दी गई है।

बता दें पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने ये दावा किया है कि वह बाकी चीजों की कीमतों को स्थिर रखना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि गेहूं की कीमतें 70 रुपए प्रति किलो और 40 रुपए प्रति किलो पर बनी रहे।

बता दें इससे पहले भी कीमतों की बढ़ोतरी की गई थी, जिसके बाद पीएम शहबाज शरीफ ने महंगाई का ठीकरा इमरान खान पर फोड़ा और कहा कि देश को दिवालिया होने से बचाने के लिए ऐसा करना पड़ रहा है।

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सलमान रुश्दी का नाम ब्रिटेन की महारानी की सम्मान सूची में सबसे ऊपर

 लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। लेखक सलमान रुश्दी ब्रिटिश महारानी के जन्मदिन के अवसर पर सम्मानित भारतीय मूल के 40 से अधिक पेशेवर और सामुदायिक कार्यकर्ताओं की सूची में शीर्ष पर हैं। रुश्दी का जन्म मुंबई में हुआ था और उन्हें मिडनाइट्स चिल्ड्रन उपन्यास के लिए बुकर पुरस्कार मिला था। साहित्य जगत में उनकी सेवा के लिए उन्हें ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वारा कंपेनियन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जाएगा।

यह पुरस्कार कभी भी एक बार में 65 से अधिक लोगों को नहीं दिया जाता है। यह सूची बुधवार 1 जून 2022 की रात ब्रिटेन में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के शासन के 70 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जारी की गई। 74 वर्षीय रुश्दी, जिन्हें ईरान के सर्र्वोच्च नेता अयातुल्ला खमेनेई के विवादास्पद उपन्यास द सैटेनिक वर्सेज के लिए तीस साल से अधिक समय पहले फतवा मिला था, ने कहा कि यह इस सूची में होने का सम्मान है।

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यूरोपीय संघ के नेता साल के अंत तक रूस से नब्बे प्रतिशत तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने पर सहमत

 

कीव (छत्तीसगढ़ दर्पण)। यूरोपीय संघ के नेताओं ने इस वर्ष के अंत तक रूस से अधिकांश तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने पर सहमति व्‍यक्‍त की है। यह पाबंदी यूक्रेन की सहायता के लिए आयोजित बैठक के दौरान रूस पर लगाए गए नए प्रतिबंधों के तहत है। पाइप लाइन के जरिए तेल आयात पर अस्‍थायी रूप से अभी छूट की अनुमति दी गई है।

यूरोपीय संघ परिषद के अध्‍यक्ष चार्ल्‍स मिशेल ने कहा कि सहमति के अंतर्गत रूस से तेल आयात के दो तिहाई से भी अधिक पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला वॉन दियेर ने कहा कि इससे रूस से लगभग 90 प्रतिशत तेल आयात प्रभावित होगा। उन्‍होंने कहा कि नए प्रतिबंधों के लिए सभी 27 सदस्‍य देशों की सहमति जरूरी थी। इसे बुधवार तक कानूनी रूप से अनुमोदित कर दिया जाएगा।

श्री मिशल ने बताया कि ब्रसेल्‍स में यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक में रूस के सबसे बड़े बैंक- स्‍बेरबैंक को स्विफ्ट प्रणाली से हटा देने और तीन रूसी प्रसारको को प्रतिबंधित करने पर भी सहमति बनी। श्री मिशेल ने बताया कि यूरोपीय संघ के नेता यूक्रेन को सहायता के अंतर्गत 9 अरब यूरो देने पर भी सहमत हुये।

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संसद को और अधिकार देने की वकालत करते पीएम विक्रमसिंघे ने ने दिया भारत का संदर्भ

 

कोलंबो/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने संसद को और अधिकार देने की सिफारिश करते हुए रविवार को भारत का विशेष संदर्भ दिया। पीएम विक्रमसिंघे ने कहा कि संसद की संरचना को बदलने की जरूरत है और नयी संसद प्रणाली वेस्टमिंस्टर प्रणाली या राज्य परिषदों की मौजूदा प्रणाली में सुधार करके बनाने की जरूरत है।

‘एक्जेक्यूटिव प्रेसिडेंसी’ को समाप्त करने की सिफारिश करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले मौजूदा कानूनों को मजबूत बनाने की जरूरत है ताकि संसद को वित्तीय शक्तियों पर अधिकार सौंपा जा सके। ब्रिटेन, न्यूजीलैंड और भारत जैसे देशों के उदाहरण का पालन करते हुए हम मजबूत और ज्यादा मजूबत कानून की सिफारिश करते हैं।’’

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तारा एयरलाइन हादसा : विमान में सवार 22 यात्रियों में से 14 के शव बरामद…

 

काठमांडू (छत्तीसगढ़ दर्पण)। नेपाल की सेना ने सोमवार को उस स्थान का पता लगा लिया है, जहां रविवार को एक नेपाली निजी एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। नेपाली सेना के अनुसार 14 लोगों के शव बरामद कर लिये गए हैं, हालांकि कुछ लोगों के शवों की पहचान अभी नहीं हो पा रही है। बता दें कि तारा एयर का 9 NAET जुड़वां इंजन वाला विमान, जिसमें चार भारतीयों सहित 22 लोग सवार थे, रविवार की सुबह पहाड़ी जिले में लापता होने के कुछ घंटे बाद मस्टैंग जिले के कोवांग गांव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

शवों की नहीं हो रही पहचान

पुलिस निरीक्षक राज कुमार तमांग के नेतृत्व में एक टीम हवाई मार्ग से दुर्घटनास्थल पर पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों के कुछ शवों की पहचान अभी नहीं हो पा रही है। फिलहाल, पुलिस अवशेष इकट्ठा कर रही है।

सोमवार सुबह फिर शुरू हुआ तलाशी अभियान

इससे पहले आज नेपाल की सेना ने बताया कि तारा एयर के विमान की तलाश के लिए बचाव प्रयास फिर से शुरू किया गया है। रविवार को मस्टैंग जिले में बर्फबारी के बाद दुर्घटनाग्रस्त विमान की तलाश में तैनात सभी हेलीकाप्टरों को बंद कर दिया गया था।

चार भारतीय भी थे विमान में सवार
स्थानीय लोगों द्वारा नेपाल सेना को दी गई जानकारी के अनुसार तारा एयर का विमान मनापति हिमाल के भूस्खलन के चलते लामचे नदी के मुहाने पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. 19 सीटर के इस विमान में 4 भारतीय, 3 विदेशी और 13 नेपाली नागरिक सवार थे। सूत्रों के अनुसार, सेना के अधिकारियों को दूर से धुआं उठते हुए दिखा, जिसके बाद विमान का सुराग लगा।

खराब मौसम के चलते रेस्क्यू करने में हुई परेशानी

सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा नेपाल सेना को दी गई जानकारी के अनुसार तारा एयर का विमान भूस्खलन के चलते लामचे नदी के मुहाने पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। नेपाल की सेना को खराब मौसम के चलते रेस्क्यू करने में मुश्किल हो रही थी।

रविवार सुबह विमान ने भरी थी उड़ान

नेपाल में तारा एयर के एक विमान ने रविवार सुबह उड़ान भरी थी। एयरपोर्ट के अधिकारियों के मुताबिक, तारा एयर के डबल इंजन विमान ने सुबह पोखरा से जोमसोम के लिए उड़ान भरी थी। आखिरी बार विमान से सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर संपर्क हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि विमान केवल 15 मिनट की उड़ान के लिए गया था और इसमें 22 यात्री सवार थे। विमान के 5 घंटे के बाद भी कोई सुराग न मिलने पर क्रैश होने की आशंका जताई गई थी।

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विमान का एयरपोर्ट से टूटा संपर्क, फ्लाइट में 4 भारतीय समेत 22 यात्री है सवार, अनहोनी की आशंका

 

नई दिल्ली (छ.ग. दर्पण)। नेपाल से एक बड़ी खबर सामने आ रही है।  यहां एक बड़े विमान हादसे की आशंका जताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल के तारा एयर का एयरपोर्ट से संपर्क टूट गया है। बताया जा रहा है कि इस फ्लाइट में  चालक दल सहित कुल 22 यात्री सवार हैं। इनमे से 4 भारतीय नागरिक  है।  ये फ्लाइट पोखरा से जॉमसम जा रही थी।

नेपाली मीडिया के मुताबिक इस विमान ने आज सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर  पोखरा से उड़ान भरी थी।  इसे 10 बजकर 20 मिनट पर लैंड करना था। लेकिन 11 बजे के बाद से अब तक इस विमान से संपर्क नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि ये ट्विन इंजन एयरक्राफ्ट है।  फ़िलहाल विमान से संपर्क साधने की पूरी कोशिश की जा रही है।  लेकिन विमान का कहीं पता नहीं चल सका है।  

 

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लापता विमान में 4 भारतीय और 3 जापानी नागरिक है।  वहीं बाकी लोग नेपाल के ही बताए जा रहे हैं।

 

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हिंदी साहित्य को केंद्र में लाने के लिए सतत प्रयासों की आवश्यकता: गीतांजलि श्री

 लंदन (छ.ग. दर्पण)।  किसी हिंदी उपन्यास के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने से पहले का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। श्री के मूल उपन्यास का नाम ‘रेत समाधि’ है और इसका अंग्रेजी संस्करण है ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’। इसका अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया है। पुरस्कार की घोषणा होने के बाद से श्री और रॉकवेल को दुनिया भर से बधाई संदेश मिल रहे हैं और दोनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। इस पुरस्कार के बाद से हिंदी साहित्य भी चर्चा के केंद्र में बना हुआ है, लेकिन लेखिका का मानना है कि इस लय को बनाए रखने के लिए कुछ गंभीर प्रयासों की आवश्यकता होगी।

श्री ने कहा, इसके (पुरस्कार की घोषणा के) तत्काल बाद से हिंदी साहित्य की लोकप्रियता बढ़ाने में निश्चित ही मदद मिली है। इसमें रुचि और उत्सुकता पैदा हुई है। उन्होंने कहा, बहरहाल, हिंदी को केंद्र में लाने के लिए अधिक गंभीरता से सतत एवं संगठित प्रयास करने की आवश्यकता है। इसमें प्रकाशकों को, खासकर इस प्रकार के साहित्य का अच्छा अनुवाद मुहैया कराने में अहम भूमिका निभानी होगी। मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि यह बात केवल हिंदी ही नहीं, बल्कि सभी दक्षिण एशियाई भाषाओं पर लागू होती है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस बात का डर है कि भारत में अंग्रेजी किसी तरह से हिंदी पर हावी हो सकती है, लेखिका ने कहा कि किसी एक का चुनाव करने का सवाल नहीं होना चाहिए, क्योंकि भाषाओं में एक दूसरे को समृद्ध बनाने की क्षमता है।

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महामारी के दौरान भारत, अमेरिका ने एक दूसरे का सहयोग किया : संधू

वाशिंगटन (छ.ग. दर्पण)।  अमेरिका में भारत के शीर्ष राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत और अमेरिका ने एक दूसरे का सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंडियानापोलिस में ‘इंडियाना इकोनॉमिक समिट’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान के कारण एक जबरदस्त चुनौती रही है और अमेरिका की तरह, भारत भी इससे प्रभावित हुआ है।

संधू ने इस सप्ताह कहा, हालांकि सही नीतियों और अपनी क्षमताओं के पुनर्निर्माण पर पूरा ध्यान देने के कारण वे महामारी से भी मजबूती से उभरने में सफल रहे हैं। भारतीय राजदूत ने कहा, इस अवधि के दौरान भारत और अमेरिका ने एक दूसरे का सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संधू ने कहा कि यह सहयोग विशेष रूप से स्वास्थ्य आपूर्ति श्रृंखलाओं में था, जहां भारत ने 2020 में अमेरिका को जरूरी दवाओं और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति की थी।

उन्होंने कहा, हमने फिलाडेल्फिया को लगभग 20 लाख मास्क की आपूर्ति की। अमेरिका ने 2021 में भारत में संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान टीकों ,औषधि तत्वों के साथ सहायता की। भारत ने दिखाया कि वह कठिन परिस्थितियों में भी अमेरिका के लिए एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला भागीदार बना रहा।

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स्वतंत्र और समावेशी हिंद-प्रशांत क्वाड का साझा लक्ष्य : प्रधानमंत्री मोदी

 टोक्यो/नई दिल्ली (छ.ग. दर्पण)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संगठन ने कम समय में दुनिया में अहम जगह बना ली है। आज क्वाड का दायरा व्यापक हो गया है, इसका रूप प्रभावी है। क्वाड के माध्यम से और हमारे आपसी सहयोग से, एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी एशिया-प्रशांत क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह हम सभी का साझा लक्ष्य है।

क्वाड नेताओं की इस शिखर बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन व जापान के पीएम फुमिओ किशिदा ने रूस का मुद्दा उठाया। क्वाड नेताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा आपसी विश्वास और हमारा संकल्प लोकतांत्रिक शक्तियों को नई ऊर्जा और उत्साह दे रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कोविड महामारी के कारण उत्पन्न प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद हमने वैक्सीन वितरण, आपूर्ति श्रृंखला का लचीला बनाने, जलवायु और आपदा प्रबंधन, आर्थिक सहयोग तथा अन्य क्षेत्रों के लिए अपना समन्वय बढ़ाया है। इसने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित की है।

ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित पीएम को बधाई दी

प्रधानमंत्री ने संबोधन की शुरुआत में सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस को बधाई और शुभकामनाएं दीं। मोदी ने कहा कि पीएम पद की शपथ लेने के 24 घंटे बाद ही हमारे बीच आपकी उपस्थिति क्वाड दोस्ती की ताकत और इसके प्रति आपकी वचनबद्धता को प्रकट करती है।

टोक्यो क्वाड बैठक में पीएम मोदी के अलावा संगठन के सदस्य देशों के चारों शीर्ष नेता-अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के एंथनी अल्बनीस, जापान के फुमिओ किशिदा भाग ले रहे हैं।

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अल्बानीस बने ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री

नई दिल्ली/सिडनी (छत्तीसगढ़ दर्पण)। लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बानीस ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं। अल्बानीस ने उन्हें देश का 31वां प्रधानमंत्री बनाने के लिए मतदाताओं का कैंपरडाउन उपनगर में आभार व्यक्त किया और सिडनी में अपनी परवरिश का उल्लेख किया।

अल्बानीस ने अपने समर्थकों से कहा, ‘‘यह हमारे महान देश के बारे में बहुत कुछ कहता है कि एक पेंशनभोगी अकेली मां का बेटा जो कैंपरडाउन में सार्वजनिक आवास में पला-बढ़ा, वह आज रात ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में आपके सामने खड़ा हो सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हर माता-पिता अगली पीढ़ी के लिए ज्यादा चाहते हैं। मेरी मां ने मेरे लिए एक बेहतर जिंदगी का सपना देखा था और मुझे उम्मीद है कि मेरी यात्रा ऑस्ट्रेलियाई लोगों को सितारों की बुलंदियों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगी।’’ हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अल्बानीस की पार्टी बहुमत की सरकार बना सकती है या उसे निर्दलीय अथवा अन्य छोटे दलों के निर्वाचित सांसदों का समर्थन चाहिए होगा।
 
डाक मतपत्रों की गिनती अभी चल रही है,जिससे कई दिनों तक मतगणना चलने की संभावना है और इसे देखते हुए अल्बानीस संभवतः रविवार को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं,ताकि वह तोक्यो में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंगलवार के क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग ले सकें। विश्लेषकों का मानना है कि मॉरिसन और उनकी टीम की जलवायु, कोविड-19 सहित अपने तीन साल के कार्यकाल में महिलाओं के अधिकार, राजनीतिक अखंडता और प्राकृतिक आपदाएं जैसे कई मुद्दों से निपटने में नाकामी चुनाव में हार का कारण बनी।
 
 
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फ्रांस के राष्‍ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने एलिसाबेथ बोर्न को प्रधानमंत्री नामित किया

 फ्रांस (छत्तीसगढ़ दर्पण)। फ्रांस के राष्‍ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने एलिसाबेथ बोर्न को देश का नया प्रधानमंत्री नामित किया है। 61 वर्षीय बोर्न परिवहन, पारिस्‍थि‍तिकी और श्रम मंत्री रह चुकी हैं। एडिथ क्रिशन के बाद इस पद को संभालने वाली वे दूसरी महिला हैं। वे ज्‍यां कास्‍टेक्‍स का स्‍थान लेंगी जिन्‍होंने जुलाई 2020 से फ्रांस के केबिनेट का नेतृत्‍व किया और कल  इस्‍तीफा दे दिया। सुश्री बोर्न सोशलिस्‍ट पार्टी की लंबे समय तक सदस्‍य रही हैं और 2017 राष्‍ट्रपति पद के लिए मैक्रों का समर्थन किया था। बाद में वे लॉ रिपब्‍लिक इन मार्शे पार्टी में शामिल हो गयी थीं।
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