दुनिया-जगत

14 सीटों के परिणाम, इमरान समर्थित उम्मीदवारों-शरीफ की पार्टी में कड़ी टक्कर

पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने धांधली, छिटपुट हिंसा और देशभर में मोबाइल फोन बंद होने के आरोपों के बीच मतदान समाप्त होने के 10 घंटे से ज्यादा समय बाद शुक्रवार तड़के चुनावों के पहले नतीजे का एलान किया। ईसीपी के विशेष सचिव जफर इकबाल ने शुक्रवार सुबह करीब 3 बजे इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में पहले नतीजे घोषित किए।

 

10 सीटों पर जीते इमरान समर्थक

रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक 14 सीटों के नतीजे आ चुके हैं। 10 सीट पर इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ समर्थित निर्दलीयों ने कब्जा जमाया। नवाज की पार्टी पीएमएल-एन ने आठ और बिलावल की पार्टी पीपीपी ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की है।

 

मनसेहरा सीट से नवाज शरीफ हारे

स्थानीय मीडिया की मानें तो नवाज शरीफ मनसेहरा सीट से चुनाव हार गए हैं। निर्दलीय उम्मीदवार शहजादा गस्तासाप ने उन्हें करारी शिकस्त दी। शहजादा गस्तासाप को 74,713 वोट मिले, जबकि नवाज को 63,054 वोट से संतोष करना पड़ा।

 

अब तक 14 सीटों के परिणाम आए

क्रिकेटर से राजनेता बने और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक अध्यक्ष 71 वर्षीय इमरान खान जेल में हैं। उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था। पार्टी के चुनाव चिह्न 'क्रिकेट बैट' का उपयोग करने की अनुमति नहीं मिलने के बाद पीटीआई उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। इस बीच खबरें हैं कि इमरान समर्थक उम्मीदवार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच चुनाव परिणाम में देरी को लेकर भी कई खबरें आ रही हैं और परिणाम में हेरफेर करने के आरोप लगने लगे हैं।

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अदन की खाड़ी में दो जहाजों पर हूती विद्रोहियों का हमला

 हूती विद्रोहियों ने एक ही दिन में दो जहाजों पर ड्रोन से हमले किए। हमले की जानकारी देते हुए ब्रिटिश सेना के मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशन (यूकेएमटीओ) ने बताया कि हमास-इस्राइल के युद्ध के बाद हमास के समर्थन में जहाजों को निशाना बनाने के ईरान समर्थित लड़ाकों के अभियान में यह नवीनतम हमला है। यूकेएमटीओ ने बताया कि मंगलवार को यमन के दक्षिणी बंदरगाह शहर अदन के पास जहाज पर हमला हुआ। सुरक्षा फर्म एंब्रे ने इसकी पहचान मार्शल आइलैंड्स के ध्वज और ग्रीक स्वामित्व वाले जहाज के रूप में की है, जो अमेरिका से भारत की ओर आ रहा है।

 

एंब्रे के मुताबिक जहाज के स्टारबोर्ड की ओर से 50 मीटर दूर जोरदार विस्फोट हुआ था। हालांकि, इससे न तो जहाज के ढांचे को क्षति पहुंची है और न कोई हताहत हुआ है। हमले के बाद हूती विद्रोहियों के एक सैन्य प्रवक्ता, ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने दावा किया कि विद्रोही बलों ने लाल सागर में दो जहाजों पर हमला किया, जिनमें से एक अमेरिकी और एक ब्रिटिश था। हालांकि, हूतियों ने भारत आ रहे जहाज पर हुए हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

 

अदन की खाड़ी में हमले के बारे में एंब्रे ने बताया कि दूसरा हमला ब्रिटिश कंपनी मॉर्निंग टाइड के मालवाहक जहाज पर िकया गया जिस पर बारबाडोस का ध्वज लगा है। इस  हमले में भी कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि, जहाज को क्षति पहुंची है। हूतियों पर अमेरिका व ब्रिटेन ने कार्रवाई करते हुए पिछले सप्ताह ही उनके 36 ठिकानों पर हवाई हमले किए थे।

 

हमलावरों को ढेर करने का संकल्प

अमेरिकी सेना ने एक बयान जारी कर कहा कि विस्फोटकों से लदे दो हूती ड्रोन नौकाओं से टकराए हैं। साथ ही कहा कि नौसेना व व्यापारिक जहाजों के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री रास्तों को सुरक्षित बनाने के लिए वह प्रतिबद्ध है। हमलावरों को खोजकर नष्ट किया जाएगा।

 

 

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भारतीय नौसेना में शामिल हुआ सर्वेक्षण पोत INS संधायक

विशाखापत्तनम: देश का सबसे बड़ा सर्वेक्षण पोत 'आईएनएस संधायक' शनिवार को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल हुआ। पोत के जलावतरण समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार मौजूद हैं।

इस मौके पर एडमिरल हरि कुमार ने अपने संबोधन में कहा, "पिछले एक दशक में नौसेना ने अलग-अलग रेंज के अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म को लॉन्च किए हैं, चाहे वह शक्तिशाली विमानवाहक पोत 'विक्रांत' हो, विशाखापत्तनम क्लास का 'डेस्ट्रोयर' हो, बहुमुखी श्रेणी के 'फ्रिगेट', कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियां हों या गोताखोरी के लिए विशेष जहाज हो, हम उभरते हुए भारत की सेवा में एक संतुलित और आत्मनिर्भर बल का निर्माण कर रहे हैं। आखिरी तीन युद्धपोत और पनडुब्बियां पिछले दस वर्षों में नौसेना में शामिल किए गए हैं। वे सभी भारत में बनाए गए हैं और संधायक भारत में बनने वाला 34वां पोत है।"

वहीं, रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, "अगर मैं अपनी नौसैनिक ताकत की बात करूं, तो भारतीय नौसेना इतनी मजबूत हो गई है कि हिंद महासागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के मामले में हम पहले जवाब देने वाले बन गए हैं। वैश्विक व्यापार की बात करें तो हिंद महासागर को वैसे भी हॉटस्पॉट के तौर पर गिना जाता है। अदन की खाड़ी, गिनी की खाड़ी आदि कई चोक प्वाइंट हिंद महासागर में हैं, जिसके जरिए से बड़ी मात्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है। इन चोक प्वाइंट्स पर कई खतरे बने हुए हैं। लेकिन सबसे बड़ा खतरा समुद्री डाकुओं का है।"

पिछले साल नौसेना को सौंपा गया था पोत
नौसेना के मुताबिक, कोलकाता के मैसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में चार बड़े सर्वेक्षण पोत निर्माणाधीन हैं। यह उनमें पहला है। आईएनएस संधायक का बंदरगाह और समुद्र दोनों में परीक्षण किया गया था। इसके बाद चार दिसंबर को इसे नौसेना को सौंप दिया गया था।

अत्याधुनिक उपकरणों से लैस आईएनस संधायक
इस पोत की प्राथमिक भूमिका सुरक्षित समुद्री नेविगेशन होगी। यह बंदरगाहों, नौवहन चैनलों, तटीय क्षेत्रों और गहरे समुद्रों के पूर्ण पैमाने पर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करेगा। अपनी द्वितीयक भूमिका में पोत नौसैनिक अभियानों को करने में सक्षम होगा। आईएनएस संधायक अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों से लैस है। जिसमें गहरे पानी के मल्टीबीम इको-साउंडर्स, पानी के नीचे चलने वाले वाहन, दूर से संचालित होने वाले वाहन, उपग्रह आधारित पॉजिशनिंग प्रणाली शामिल हैं।

आईएनएस संधायक इसी नाम के एक अन्य पोत का विकसित रूप है, जो एक एक सर्वेक्षण जहाज था। उस जहाज को 1981 में नौसेना में शामिल किया गया। साल 2021 में उसे सेवामुक्त कर दिया गया था। नया सर्वेक्षण जहाज दो डीजल इंजनों से संचालित है और 18 समुद्री मील से ज्यादा गति हासिल करने में सक्षम है।

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ट्यूनीशिया संसद के पूर्व अध्यक्ष को तीन साल की सजा

ट्यूनिस: ट्यूनीशिया की एक अदालत ने विदेश से विपक्षी दल एन्नाहदा नेता एवं संसद के पूर्व स्पीकर रचेड घनौची को तीन साल की सजा सुनाई है। ट्यूनीशियाई मीडिया ने अदालत के प्रवक्ता के हवाले से यह खबर दी। घनौची को मई 2023 में पुलिस के खिलाफ उकसाने के आरोप में एक साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

मोज़ेक एफएम रेडियो ने बताया कि भ्रष्टाचार के मामलों में विशेषज्ञता रखने वाली प्रथम दृष्टया अदालत ने गुरुवार को नयी सजा सुनाई और यह तुरंत प्रभावी हो गई। ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सैयद ने जून 2021 में रहने की स्थिति में गिरावट के कारण संसद और इस्लामवादी पार्टी एन्नाहदा के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार को बर्खास्त कर दिया।

उन्होंने मार्च 2022 में संसद को यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया कि वह सरकार और उसके संस्थानों की रक्षा के लिए ऐसा कर रहे हैं। ट्यूनीशिया में दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 के बीच प्रारंभिक संसदीय चुनाव हुए। चुनाव में मतदान 11 प्रतिशत तक कम था और विपक्ष ने चुनावों का बहिष्कार किया।

 

 

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म्यांमार ने आपातकाल और 6 महीने के लिए बढ़ाया

यांगून: म्यांमार की राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा परिषद (एनडीएससी) ने दक्षिण पूर्व एशियाई देश में आपातकाल की स्थिति को छह महीने के लिए बढ़ा दिया है, परिषद की सूचना टीम ने यह जानकारी दी।

​मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यवाहक राष्ट्रपति यू म्यिंट स्वे ने बुधवार को एनडीएससी की बैठक के दौरान आपातकाल की स्थिति को छह महीने के लिए बढ़ाने की घोषणा की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में असामान्य परिस्थितियों के कारण राज्य संविधान की धारा 425 के अनुसार विस्तार किया गया था।रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में दूरसंचार धोखाधड़ी से निपटने, देश के विकास और शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने, आम चुनाव की तैयारी और राष्ट्रीय जनगणना की तैयारी पर भी चर्चा हुई।म्यांमार ने फरवरी 2021 में एक साल के लिए आपातकाल की घोषणा की और फिर इसे इस साल 31 जनवरी तक चार बार बढ़ाया।

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इब्राहिम इस्कंदर बने मलयेशिया के नए सुल्तान

कुआलालंपुर: मलयेशिया में जोहोर राज्य के इब्राहिम इस्कंदर देश के नए सुल्तान बन गए हैं। उन्होंने बुधवार को देश के 17वें सुल्तान के रूप में शपथ ली। वह अगले पांच वर्षों तक देश के सुल्तान बने रहेंगे। बता दें कि ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद साल 1957 से ही मलयेशिया में हर पांच वर्षों में सुल्तान का चयन होता है। शपथ समारोह से पहले सुल्तान इस्कंदर ने प्राइवेट जेट से कुआलालंपुर के लिए उड़ान भरी थी। हालांकि, हर साल वह जनता से मिलने के लिए मोटरसाइकिल पर अपनी यात्राएं निकालते थे। 

बता दें कि सुल्तान इस्कंदर शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके बड़े बेटे मलयेशिया के क्राउन प्रिंस टुंकू इस्माइल भारतीय सेना में कैप्टन भी रह चुके हैं। सुल्तान इब्राहिम इस्कंदर के पास कुल 47.33 लाख करोड़ की संपत्ति है। इसके अलावा उनके पास 300 लग्जरी कारें भी हैं। कई रिपोर्टों के अनुसार, सुल्तान के पास उनकी एक प्राइवेट आर्मी भी है और बोइंग 737 समेत कई प्राइवेट जेट भी हैं। मलयेशिया के अलावा सिंगापुर में भी सुल्तान इब्राहिम इस्कंदर की जमीन है। इस जमीन की कीमत चार अरब डॉलर के करीब बताया जाता है। इसमें टायरसल पार्क और बोटानिक गार्डन भी है। सुल्तान इब्राहिम के पास रियल एस्टेट, खनन से लेकर पाम ऑयल जैसे बिजनेस में हिस्सेदारी भी है। सुल्तान की पत्नी भी शाही परिवार से ताल्लुक रखती है। 

मलयेशिया में हर पांच वर्षों में सुल्तान का चयन होता है। इस देश में कुल 13 राज्य और नौ शाही परिवार है। राजा बनने के लिए एक गुप्त मतदान होता है, जिसमें बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाता है। बैलेट पेपर में राजा बनने वाले व्यक्ति का नाम होता है और हर सुल्तान को यह बताना जरूरी होता है कि नामांकन व्यक्ति राजा बनने के काबिल है या नहीं।   

 

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संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रेसिडेंट भारत दौरे पर आएंगे

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रेसिडेंट डेनिस फ्रांसिस युगांडा में गुटनिरपेक्ष और जी77 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद इसी महीने के अंत में भारत का दौरा करेंगे। उनकी प्रवक्ता मोनिका ग्रेली ने ये बात कही है। उन्होंने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि शिखर सम्मेलन के लिए 17 से 21 जनवरी तक कंपाला दौरे के बाद उनका भारत और चीन जाने का कार्यक्रम है।

भारत में अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत में सुरक्षा परिषद सुधार, साउथ-साउथ सहयोग और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा होने की संभावना है। ग्रेली ने कहा, त्रिनिदाद के एक करियर राजनयिक फ्रांसिस, जो पिछले साल महासभा प्रेसिडेंट चुने गए, कंपाला में शिखर सम्मेलन में इस बात पर रोशनी डालेंगे कि अभूतपूर्व संकट के समय, ग्लोबल साउथ की संयुक्त आवाज की बहुत अधिक जरूरत है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर दो शिखर सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। फ्रांसिस ने सुरक्षा परिषद सुधार को आगे बढ़ाने की आवश्यकता जताई है, जो भारत के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, हमारा मकसद गतिरोध से आगे बढ़ने के रास्ते ढूंढना और/या बनाना होना चाहिए। समय की मांग है कि एक ऐसी सुरक्षा परिषद हो जो अधिक संतुलित, प्रतिनिधित्वपूर्ण, उत्तरदायी, लोकतांत्रिक और अधिक पारदर्शी हो।

फ्रांसिस ने ग्लोबल साउथ में भारत के विकास प्रयासों की भी सराहना की। पिछले साल नवंबर में एक बैठक में उन्होंने कहा था कि भारत संयुक्त राष्ट्र विकास कोष का योगदान कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, विशेष रूप से सिकुड़ते वित्तीय अवसरों के इस युग में, जो हाल के वर्षों में महामारी और अन्य वैश्विक झटकों के प्रभाव से बढ़ गया है।

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गाजा में 100 दिनों के संघर्ष में करीब नौ हजार आतंकवादी मारे गये : इजरायल

यरूशलम: इजराइल रक्षा बलों  ने दावा किया है कि हमास के खिलाफ 100 दिनों के सशस्त्र संघर्ष में गाजा पट्टी में नौ हजार से अधिक ‘आतंकवादी’ मारे गए। आईडीएफ ने एक बयान जारी करके कहा,  हमारे रक्षा बलों ने हमास के दो ब्रिगेड कमांडर, 19 बटालियन कमांडर और 50 से अधिक कंपनी कमांडरों का खात्मा कर दिया। हमारी सेना ने दुश्मन के क्षेत्र के लगभग 30 हजार लक्ष्यों पर हमले किये।

बयान के अनुसार इस दौरान दक्षिणी लेबनान में लेबनानी आंदोलन हिजबुल्लाह के साथ संघर्ष बढ़ने के साथ इजरायली सेना ने लगभग 170 ‘आतंकवादियों’ को मार गिराया और लगभग 750 लक्ष्यों पर हमले किये। आईडीएफ ने पिछले साल सात अक्टूबर से वेस्ट बैंक में 40 से अधिक आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया है।

उसके अनुसार इस दौरान 2,650 से अधिक वांछित फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से करीब 1,300 हमास के कार्यकर्ता हैं।साथ ही,आतंकवादियों के कम से कम 14 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया । हमास ने सात अक्टूबर, 2023 को गाजा पट्टी से इज़राइल के खिलाफ बड़े पैमाने पर रॉकेट हमले किये और उसके लड़ाकों ने सीमा का उल्लंघन करके सेना और नागरिकों पर गोलीबारी की। इस दौरान इज़राइल में 1,200 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 240 अन्य का अपहरण कर लिया गया।

इज़राइल ने जवाबी हमले शुरू किए और गाजा की पूर्ण नाकाबंदी का आदेश दिया।उसने हमास लड़ाकों को खत्म करने और बंधकों को बचाने के उद्देश्य से फिलिस्तीनी इलाके में जमीनी घुसपैठ शुरू की। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार इजरायली हमलों में गाजा में अब तक 23,800 से अधिक लोग मारे गए हैं।

कतर ने 24 नवंबर,23 को इज़राइल-हमास के बीच एक अस्थायी संघर्ष विराम और कुछ कैदियों और बंधकों की अदला-बदली के साथ-साथ गाजा पट्टी में मानवीय सहायता के वितरण पर एक समझौते में मध्यस्थता की। युद्ध विराम को कई बार बढ़ाया गया। यह एक दिसंबर को समाप्त हो गया।

 
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लाइव प्रसारण के दौरान स्टूडियो में घुसे हथियारबंद लोग, मचा हड़कंप...

गुआयाकिल/नई दिल्ली: इक्वाडोर के गुआयाकिल शहर में उस वक्त हड़कंप मचा गया जब लाइव प्रसारण के दौरान कुछ हथियारबंद लोग एक टीवी चैनल के स्टूडियो में घुस गए। इन्होंने लाइव प्रसारण के दौरान बंदूकें और विस्फोटक दिखाकर लोगों को डराने की कोशिश की। इसपर राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ ने तुरंत हमलावरों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने का आदेश दिया।

बंदूकों से लैस और डायनामाइट की छड़ों की तरह दिखने वाले ये लोग बंदरगाह शहर गुआयाकिल में टीसी टेलीविजन के स्टूडियो में घुस गए और चिल्लाने लगे कि उनके पास बम हैं। पीछे से गोलियों से मिलती-जुलती आवाजें सुनाई दे रही थीं। एक महिला को गोलियों की आवाज के बीच यह कहते हुए सुना गया कि गोली मत मारो, प्लीज गोली मत मारो।

घुसपैठियों ने लोगों को जमीन पर लेटने को मजबूर कर दिया और स्टूडियों की लाइट बंद होने के बाद दर्द से चिल्लाते हुए सुना जा सकता था। हालांकि लाइव प्रसारण जारी रहा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि स्टेशन का कोई कर्मी घायल हुआ है या नहीं। वहीं, टीसी के एक कर्मचारी ने एक व्हाट्सएप संदेश में बताया कि नकाबपोश लोग ऑन एयर हैं। वे हमें मारने के लिए आए हैं। प्लीज भगवान ऐसा न होने दें।

यह है मामला
गौरतलब है, इक्वाडोर में रविवार को गिरोह के एक शक्तिशाली सदस्य के जेल से फरार होने के मद्देनजर कई हमले किए गए हैं। गिरोह ने युद्ध का एलान किया है। इसके कुछ घंटों बाद ही राष्ट्रपति ने देश को 'आंतरिक सशस्त्र संघर्ष' की स्थिति में घोषित कर दिया है। हालातों को बिगड़ते हुए राष्ट्रपति ने फैसला लिया था कि वह देश में आपातकाल की स्थिति घोषित करेंगे। सोमवार को नोबोआ ने 60 दिनों के लिए राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति का आदेश दिया था। इसके बाद सरकार ने रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू भी लगा दिया।

इन्हें किया आतंकवाद घोषित
कोकीन के शीर्ष निर्यातकों कोलंबिया और पेरू के बीच लंबे समय से एक शांतिपूर्ण पनाहगाह रहे इक्वाडोर में हाल के वर्षों में हिंसा काफी हिंसा देखने को मिली है क्योंकि मैक्सिकन और कोलंबियाई कार्टेल से संबंध रखने वाले दुश्मन गिरोह नियंत्रण के लिए लड़ाई कर रहे हैं। बंदूकधारियों के टीवी स्टेशन पर हमला करने के तुरंत बाद, नोबोआ ने देश में सक्रिय 20 ड्रग तस्करी गिरोहों को आतंकवादी समूहों के रूप में नामित किया।

नोबोआ ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मैंने सशस्त्र बलों को इन समूहों को बेअसर करने के लिए सैन्य अभियान चलाने का आदेश दिया है।' इसके तुरंत बाद, इक्वाडोर के राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख ने बताया कि अधिकारियों ने सभी नकाबपोश घुसपैठियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन लोगों के पास मौजूद बंदूकें और विस्फोटक जब्त कर लिए हैं।' हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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गाजा संघर्ष 2024 तक जारी रहेगा : हलेवी

यरूशलेम: इजरायल के सैन्य प्रमुख हर्जी हलेवी ने रविवार को कहा कि गाजा में तीन महीने से जारी संघर्ष संभवतः 2024 तक चलेगा और अन्य मोर्चों तक फैल जाएगा।

इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) के चीफ ऑफ स्टाफ हलेवी ने 1967 से इजरायल के कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र वेस्ट बैंक की यात्रा के दौरान यह टिप्पणी की।

 

श्री हलेवी ने कहा कि 2024 ‘चुनौतीपूर्ण’ होगा और इजरायल ‘निश्चित रूप से पूरे वर्ष गाजा में लड़ाई में शामिल रहेगा’, जिसका अर्थ है कि गाजा पर शासन करने वाले फिलिस्तीनी गुट हमास के साथ मौजूदा पूर्ण पैमाने पर संघर्ष कम हो सकता है लेकिन समाप्त नहीं होगा।

उन्होंने ‘अन्य मोर्चों, विशेष रूप से वेस्ट बैंक’ पर हिंसा भड़कने की भी चेतावनी दी जहां गाजा में चल रहे संघर्ष की शुरुआत के बाद से तनाव बढ़ गया है। हमास के इजरायल पर सात अक्टूबर, 2023 को एक आश्चर्यजनक हमले के बाद शुरू हुआ था।

 

श्री हलेवी ने यह भी कहा कि आईडीएफ लेबनान के साथ इजरायल की उत्तरी सीमा पर ‘अपना दबाव’ बढ़ाएगा, जहां उसने हाल के महीनों में शिया आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह के साथ गोलीबारी की है।

उन्होंने कहा,“हिजबुल्लाह ने इस युद्ध में शामिल होने का फैसला किया है। हम उन पर तेजी से दबाव डाल रहे हैं।” उन्होंने कहा कि सेना की उत्तरी निवासियों को उनके घरों में सुरक्षित रूप से वापस लाना एक जिम्मेदारी व कर्तव्य है।

गाजा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि गाजा पट्टी पर चल रहे इजरायली हमलों में फिलीस्तीनियों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 22,835 हो गया है और घायल होने वालों की संख्या 58,416 तक पहुंच गई है। इसके अलावा, हमास के हमले के कारण इजरायल में लगभग 1,200 लोगों की जान चली गई है।

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2024 का राष्ट्रपति चुनाव लोकतंत्र की लड़ाई, ट्रम्प मुख्य खतरा: बाइडेन

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को साल के अंत में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को अमेरिका में लोकतंत्र बचाने की लड़ाई के रूप में पेश किया और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को मुख्य ख़तरा बताया। बाइडेन ने वर्ष के अपने पहले अभियान भाषण में कहा, आज हम यहां सबसे महत्वपूर्ण सवालों का जवाब देने के लिए हैं: क्या लोकतंत्र अभी भी अमेरिका का पवित्र कारण है? 2024 का चुनाव इसी के बारे में है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्‍ट्रपति ट्रम्‍प लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा ख़तरा हैं।

उन्होंने कहा, ट्रंप उसी तरह इतिहास चुराने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे उन्होंने चुनाव चुराने की कोशिश की थी। हमने इसे अपनी आंखों से देखा। ट्रम्प के समर्थकों ने हिंसक हमला क‍िया, वे विद्रोही थे। बाइडेन 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल पर ट्रम्प के समर्थकों द्वारा किए गए हमले का जिक्र कर रहे थे।

 

राष्ट्रपति का भाषण अमेरिकी इतिहास में अमेरिकी लोकतंत्र पर सबसे घातक हमले की तीसरी बरसी की पूर्व संध्या पर आया और यह पेंसिल्वेनिया राज्य के एक सामुदायिक कॉलेज से दिया गया था, जो वैली फोर्ज नेशनल हिस्टोरिकल पार्क से 10 मील दूर था। बाइडेन ने 30 मिनट के भाषण में 44 बार ट्रम्प का नाम लेकर उल्लेख किया, इससे पूर्व राष्ट्रपति उनके प्रतिद्वंद्वी के रूप में स्थापित हो गए।

 

कुछ विश्लेषकों ने कहा है कि बाइडेन वास्तव में ट्रम्प के खिलाफ फिर से प्रतिस्‍पर्धा को पसंद करते हैं। रिपब्लिकन मतदाताओं के बीच अपनी लोकप्रियता के बावजूद, ट्रम्प पर दो बार महाभियोग चलाया गया, और चार मामलों में 90 से अधिक अपराधों का आरोप लगाया गया। उन्हें दो राज्यों, कोलोराडो और मेन में मतदान से बाहर कर दिया गया है।

बाइडेन अपने कुछ अन्य रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वियों जैसे दक्षिण कैरोलिना के पूर्व गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में संघीय कैबिनेट-रैंक के पद पर राजदूत निक्की हैली के बजाय ट्रम्प के खिलाफ चुनाव लड़ना पसंद करेंगे। वह ट्रम्प और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस की तुलना में बाइडेन को बड़े अंतर से हरा रही हैं, जो रिपब्लिकन प्राइमरी में नंबर 2 स्लॉट के लिए हेली के साथ प्रतिस्पर्धा में हैं।

 

आयोवा में एक रैली को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा कि बाइडेन राष्ट्रपति चुनाव को लोकतंत्र की लड़ाई के रूप में चित्रित कर रहे हैं, क्योंकि वह अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाना चाहते हैं। प्रशासन और राष्ट्रपति पर उनके खिलाफ मामले दर्ज करने के लिए सरकार का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। ट्रंप ने कहा, उन्होंने सरकार को हथियार बना लिया है और वह कह रहे हैं कि मैं लोकतंत्र के लिए खतरा हूं।

राष्ट्रपति बाइडेन को अपने अधिकांश राष्ट्रपति पद के लिए कम मतदान संख्या के साथ संघर्ष करना पड़ा है, पहले कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों के कारण और फिर बेतहाशा मुद्रास्फीति के कारण जो 2022 में 40 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की अव्यवस्थित वापसी उनकी विदेश नीति रिपोर्ट कार्ड पर एक दाग रहा है।

 
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हिजबुल्लाह प्रमुख ने इजराइल के खिलाफ युद्ध छेड़ने का लिया संकल्‍प

बेरूत: हिजबुल्लाह नेता सैय्यद हसन नसरल्ला ने इजरायल को चेतावनी दी है कि अगर उसने लेबनान के खिलाफ हमलों का विस्तार किया, तो वह उस पर "बिना किसी रोक-टोक के" हमला करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, नसरल्ला ने शीर्ष ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की चौथी बरसी पर बुधवार रात एक टेलीविजन भाषण में यह टिप्पणी की। सुलेमारी 3 जनवरी, 2020 को अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए थे।

इस बीच, नसरल्ला ने कहा कि एक दिन पहले बेरूत में हमास के उप प्रमुख सालेह अल-अरौरी और हमास के अन्य अधिकारियों की हत्या एक खतरनाक अपराध है। उन्होंने कहा कि लेबनान की स्थिरता और सुरक्षा की रक्षा की प्राथमिकता को देखते हुए, लेबनान की दक्षिणी सीमा पर मौजूदा टकराव सीमित कर दिया गया है।

 

उन्‍होंने कहा, अगर इज़राइल अपने हमलों का विस्तार करता है, तो हमारी सारी शक्ति इज़राइल पर हमला करने के लिए इस्तेमाल की जाएगी। हम युद्ध से नहीं डरते हैं, और हम इसके बारे में झिझकते नहीं हैं, अन्यथा, हम दक्षिणी मोर्चे पर लड़ना बंद कर दिए होते।

लेबनान-इज़राइल सीमा पर 8 अक्टूबर से तनाव बढ़ गया है जब लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह ने पिछले दिन इज़राइल पर हमास के हमलों के समर्थन में इज़राइल की ओर दर्जनों रॉकेट दागे थे, इसके जवाब में इज़राइल ने दक्षिणपूर्वी लेबनान की ओर गोलाबारी की।

 
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बम धमाके में मारा गया मसूद अज़हर...

पुलवामा अटैक सहित कई घटनाओं का था मास्टर माइंड

इस्लामाबाद/नई दिल्ली: भारत को मोस्टवांटेड आतंकवादी और जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर की आज मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मसूद अज़हर बम धमाके में मारा गया है। ये घटना सुबह 5 बजे की बताई जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर सुबह 5 बजे बहावलपुर मस्जिद से वापस जाते समय 'अज्ञात लोगों' द्वारा किए गए बम विस्फोट में मारा गया। हालांकि, अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। गौरतलब है कि मौलाना मसूद अज़हर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया था। पाकिस्तान में अपुष्ट रिपोर्टों में दावा किया गया है कि मोस्ट वांटेड आतंकवादी, कंधार अपहरणकर्ता मौलाना मसूद अज़हर, आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख, भावलपुर मस्जिद से वापस जाते समय सुबह 5 बजे 'अज्ञात लोगों' द्वारा किए गए बम विस्फोट में मारा गया है।

अज़हर का जन्म 10 जुलाई 1968 को बहावलपुर, पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था। विशेष रूप से, मसूद अज़हर उन आतंकवादियों में से एक था, जिन्हें इंडियन एयरलाइंस की उड़ान 814 (IC814) के अपहरण के बाद रिहा करने की मांग की गई थी। मसूद अज़हर ने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर आतंकी हमले की भी साजिश रची थी। रिपोर्टों से पता चलता है कि वह इस्लामाबाद में पाकिस्तानी डीप स्टेट की सुरक्षात्मक हिरासत में रहता था। 55 वर्षीय आतंकवादी शायद ही कभी बहावलपुर पाकिस्तान में रेलवे लिंक रोड पर स्थित अपने मदरसे, मरकज़-ए-उस्मान-ओ-अली की यात्रा करता था।

भारत में इन मामलों में था वांछित
दिल्ली पुलिस द्वारा 2001 के संसद हमले और पंजाब पुलिस द्वारा 2016 के पठानकोट एयरबेस हमले में आरोप-पत्र दाखिल किया गया था।
अज़हर ने भारत पर क्रूर आतंकी हमले करने के लिए जैश-ए-मोहम्मद कैडर का इस्तेमाल किया  जिसमें 5 जुलाई, 2005 को अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर पर हमला भी शामिल है।
14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ जवानों पर पुलवामा हमला।
उसने 3 जनवरी, 2016 को अफगानिस्तान के बाल्क में मजार-ए-शरीफ में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले का भी निर्देश दिया।
वह अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन और तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का करीबी सहयोगी था।


 

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नीदरलैंड की पूर्व उप प्रधानमंत्री गाजा में मानवीय सहायता के लिए संरा समन्वयक नियुक्त

नीदरलैंड: नीदरलैंड की  पूर्व उपप्रधानमंत्री सिग्रिड काग को युद्धग्रस्त गाजा में मानवीय सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र समन्वयक नियुक्त किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने मंगलवार को यह घोषणा की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस की घोषणा सुरक्षा परिषद द्वारा शुक्रवार को एक प्रस्ताव को अपनाने के बाद की गई, जिसमें उनसे गाजा के लिए वरिष्ठ मानवीय और पुनर्निर्माण समन्वयक शीघ्र नियुक्त करने का अनुरोध किया गया था।

गाजा में 20 लाख से अधिक लोगों को भोजन, पानी और दवा की सख्त जरूरत है। गुतारेस ने कहा कि काग को ‘‘राजनीति, मानवीय एवं विकास मामलों के साथ-साथ कूटनीति में भी काफी अनुभव है।

काग, अरबी सहित पांच भाषाओं की जानकार हैं। वह अगले वर्ष आठ जनवरी से पदभार ग्रहण कर सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा, ‘‘वह गाजा के लिए राहत खेपों के पहुंचने में मदद करेंगी।

गुतारेस ने कहा कि काग उन देशों के माध्यम से सहायता वितरण में तेजी लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र का तंत्र भी स्थापित करेगी जो संघर्ष में शामिल नहीं हैं।

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सीरिया में इजराइली हवाई हमले में एक उच्च पदस्थ ईरानी जनरल की मौत

बेरूत: सीरिया की राजधानी दमिश्क के पड़ोस में सोमवार को इजराइली हवाई हमले में ईरान के एक उच्च अधिकारी की मौत हो गई। ईरान के सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। सीरिया में ईरान के अर्द्धसैन्य बल ‘रेवोल्यूशनरी गार्ड’ के लंबे समय से सलाहकार रहे सैयद राजी मौसावी ऐसे समय मारे गए हैं जब लेबनान-इजराइल सीमा पर हिजबुल्ला और इजराइल के बीच झड़पें तेज होने से इजराइल-हमास युद्ध का दायरा बढ़ने की आशंका उत्पन्न हो गई है। 

इससे पहले, इस महीने सीरिया में इजराइल के हवाई हमले में दो अन्य जनरल भी मारे गए थे। ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘आईआरएनए’ और ब्रिटेन के युद्ध निगरानी संगठन ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमैन राइट्स’ ने कहा कि इजराइल ने एक शिया मुस्लिम मस्जिद के समीप स्थित सईदा जेनब क्षेत्र में हमला किया। आईआरएनएने मौसावी को ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी का करीबी बताया जिनकी जनवरी 2020 में इराक में अमेरिका के ड्रोन हमले में मौत हो गयी थी। सुलेमानी जनवरी 2020 में इराक में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए थे।

हमले के बारे में इजराइली सेना और सीरियाई सरकारी मीडिया की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। समाचार एजेंसी आईआरएनए ने भी हमले के बारे में अन्य कोई विवरण नहीं दिया है। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि इजराइली सेना ने इलाके में एक खेत में प्रवेश करने के बाद मौसावी को निशाना बनाया। यह खेत कथित तौर पर हिजबुल्लाह के कई कार्यालयों में से एक था।

 

 

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मध्य गाजा में शरणार्थी शिविर पर इजरायली हवाई हमले में 70 लोगों की मौत

गाजा: मध्य गाजा पट्टी में अल-मगाजी शरणार्थी शिविर पर इजराइली हवाई हमले में रविवार को कम से कम 70 फिलिस्तीनी मारे गए।  गाजा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता, अशरफ अल-केदरा ने एक बयान में कहा कि भीड़भाड़ वाले आवासीय इलाके में हवाई हमले में मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इजरायली बल शिविरों के बीच मध्य क्षेत्र की मुख्य सड़कों पर बमबारी कर रहे हैं, जो एम्बुलेंस और नागरिक वाहनों को गंतव्य तक पहुंचने से रोकता है।

स्थानीय सूत्रों ने कहा कि मारे गए लोगों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं और वर्तमान में स्थानीय अस्पतालों में ज्यादा घायलों का इलाज करना मुश्किल है। सूत्रों ने कहा कि अल-मगाजी शरणार्थी शिविर के अलावा, इजरायली सेना ने मध्य गाजा के अल-बुरेज शरणार्थी शिविर और दक्षिणी शहर खान यूनिस पर भी हमला किया।

गाजा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 07 अक्टूबर को संघर्ष शुरू होने के बाद से इजरायली हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 20,424 हो गई है, और 54,036 अन्य घायल हुए हैं। इस बीच, इजरायली सेना ने कहा कि पिछले सप्ताहांत गाजा में कुल 15 इजरायली सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिससे गाजा में जमीनी हमले के दौरान मारे गए इजरायली सैनिकों की कुल संख्या 154 हो गई है, जिसे 07 अक्टूबर को हमास के हमले का बदला लेने के लिए शुरू किया गया था, जिसमें लगभग 1,200 इजरायली मारे गए थे और 200 से ज्यादा लोग बंधक बनाए गए थे।

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पुतिन चाहते हैं चुपचाप हो जाए यूक्रेन के साथ युद्धविराम

वाशिंगटन: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मौजूदा युद्ध रेखा पर यूक्रेन के साथ युद्धविराम के लिए तत्परता का संकेत दे रहे हैं, ताकि संघर्ष खत्‍म हो जाए, जिसका दोनों देशों से परे प्रभाव देखा जाएगा, क्‍योंकि इससे पहले कोविड-19 के कारण आर्थिक सुधार बाधित हुआ, दुनिया भर में भोजन की कमी पैदा हुई और मित्र राष्ट्रों के बीच संबंधों में दरार आ गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन ने निजी तौर पर मध्यस्थों के जरिए युद्धविराम की इच्छा जताई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रूसी राष्ट्रपति ने एक साल पहले एक बार युद्धविराम की मांग की थी।रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अंतर्राष्ट्रीय अधिकारी के हवाले से कहा गया है, जिन्होंने सर्दियों के इस मौसम में शीर्ष रूसी अधिकारियों से मुलाकात की थी, वे कहते हैं, 'हम संघर्ष विराम पर बातचीत के लिए तैयार हैं'।

हालांकि, इस बात का कोई संकेत नहीं है कि यूक्रेन रूस द्वारा कब्ज़ा किए गए क्षेत्रों को वापस लिए बिना युद्धविराम स्वीकार करेगा या नहीं। रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई कि पुतिन अपना मन बदल सकते हैं। युद्धविराम की बात अमेरिका में भी जोर पकड़ रही है, जहां करदाताओं की फंडिंग जारी रखने की इच्छा कम होती दिख रही है और कई रिपब्लिकन सांसदों ने इसका विरोध किया है।

इस कारण अतिरिक्त धन पाने के लिए कांग्रेस की मंजूरी हासिल करने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व वाले प्रशासन के प्रयासों पर पानी फिर गया है। इस आशय का एक विधेयक इस महीने की शुरुआत में पारित नहीं हो सका। इस विधेयक का भाग्य तब तय होगा, जब सांसद छुट्टियों के बाद वाशिंगटन लौटेंगे।

बाइडेन ने जब तक संभव हो, यूक्रेन का साथ देने की कसम खाई थी, लेकिन कांग्रेस के समर्थन के बिना, अकेले उनके शब्द पर्याप्त नहीं होंगे। अमेरिकी धन और अन्य पश्चिमी देशों के धन के बिना कीव बहुत लंबे समय तक रूसी सेना का सामना करने में सक्षम नहीं होगा।

बताया जा रहा है कि पश्चिमी देश अब विदेशों में जमा रूसी बैंकों की अरबों डॉलर की संपत्ति का उपयोग यूक्रेन को वित्तपोषित करने के लिए करने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं।बाइडेन ने सार्वजनिक टिप्पणी में कहा है कि युद्ध खत्‍म करने का फैसला अकेले यूक्रेन का होगा।

 

 

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पाकिस्तान चुनाव आयोग ने बढ़ाया नामांकन दाखिल करने का समय, जानें क्या है वजह

पाक: प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा समय लेने वाली प्रक्रिया को पूरा करने के लिए और समय मांगे जाने के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने शुक्रवार को 8 फरवरी के आम चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा दो दिन बढ़ाकर रविवार तक कर दी। पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, संभावित उम्मीदवारों को 20 से 22 दिसंबर तक नामांकन पत्र दाखिल करना होगा। शीर्ष चुनाव निकाय ने बुधवार को संभावित उम्मीदवारों से नामांकन पत्र स्वीकार करना शुरू कर दिया। कागजात दाखिल करने की समय सीमा शुक्रवार शाम 4:30 बजे समाप्त होने वाली थी। हालाँकि, शुक्रवार सुबह एक प्रेस विज्ञप्ति में, चुनावी निगरानी ने घोषणा की कि नामांकन पत्र अब 24 दिसंबर (रविवार) तक दाखिल किए जा सकते हैं। इसमें कहा गया है कि यह निर्णय राजनीतिक दलों के अनुरोधों के जवाब में और उम्मीदवारी प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए लिया गया था।

इसमें कहा गया है कि राजनीतिक दलों को निर्धारित समय के भीतर रिटर्निंग अधिकारियों को विशिष्ट सीटों के लिए प्राथमिकता सूची सौंपनी होगी। मतदान के लिए एक महीने से भी कम समय बचा है, चुनावी निगरानी संस्था चुनावी मोड में आ गई है। पिछले हफ्ते, आयोग ने चुनाव कार्यक्रम जारी किया, जिससे इस प्रक्रिया को लेकर अनिश्चितता खत्म हो गई। तय कार्यक्रम के अनुसार रिटर्निंग अधिकारी 25 से 30 दिसंबर तक नामांकन पत्रों की जांच करेंगे। बयान में रेखांकित किया गया कि 15 दिसंबर को जारी चुनाव कार्यक्रम में सूचीबद्ध सभी गतिविधियां योजना के अनुसार आयोजित की जाएंगी।

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