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गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी ने रायबरेली से राजनीतिक सफर शुरू किया

रायबरेली: कांग्रेस की पैतृक लोकसभा सीट पर शुक्रवार 3 मई 2024 को नया इतिहास बन गया । राहुल गांधी रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन कर गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी का रायबरेली से राजनीतिक सफर शुरू किया । कांग्रेस के युवराज ने  मां सोनिया गांधी की रायबरेली में राजनीतिक विरासत को संभाल लिया । रायबरेली लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो सबसे पहले 1952 में फिरोज गांधी ने चुनाव लड़े  और जीते। उसके बाद 1958 में भी उन्होंने चुनाव जीता। उनके निधन के बाद 1967 के चुनाव में इंदिरा गांधी ने इस सीट से पर्चा भरकर राजनीतिक पारी की शुरुआत की। ऐसे में यह सीट गांधी परिवार की विरासत बन गई। 2004 में इंदिरा गांधी की बहू सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा और पांच बार सांसद चुनी गईं। अब सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी लोकसभा सीट से उतर कर गांधी परिवार की विरासत को संभालने जा रहे हैं।

सांसद सोनिया गांधी ने राज्यसभा में जाने से पहले रायबरेलीवासियों के नाम मार्मिक पत्र लिखा था, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। इसी के  बाद से कयास लगाए जाते रहे कि गांधी परिवार से कोई न कोई चुनाव रायबरेली से जरूर लड़ेगा। यहां से प्रियंका गांधी का नाम चल रहा था, लेकिन एऐन मौके पर उनके भाई राहुल गांधी के चुनाव लड़ने का एलान कर दिया गया।


1952- फिरोज गांधी (कांग्रेस)

1958- फिरोज गांधी (कांग्रेस)

1962- ब्रजलाल (कांग्रेस)

1967- इंदिरा गांधी (कांग्रेस)

1971- इंदिरा गांधी (कांग्रेस)

1977- राजनारायण (बीकेडी)

1980- इंदिरा गांधी (कांग्रेस)

1981-अरुण नेहरू ( कांग्रेस) उपचुनाव 

1984- अरूण नेहरू (कांग्रेस)

1989- शीला कौल (कांग्रेस)

1991- शीला कौल (कांग्रेस)

1996- अशोक सिंह (भाजपा)

1998- अशोक सिंह (भाजपा)

1999- कैप्टन सतीश शर्मा(कांग्रेस)

2004- सोनिया गांधी (कांग्रेस)

2006-सोनिया गांधी (कांग्रेस) उपचुनाव

2009- सोनिया गांधी (कांग्रेस)

2014-सोनिया गांधी (कांग्रेस)

2019-सोनिया गांधी (कांग्रेस)

 

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राहुल गांधी नामांकन दाखिल करने रायबरेली पहुंचे

रायबरेली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी रायबरेली से अपना नामांकन दाखिल करने के लिए फुरसतगंज हवाई अड्डे पर पहुंच गए है। उनके साथ कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और रॉबर्ट वाद्रा समेत अन्य नेता मौजूद रहे है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने शुक्रवार सुबह इसकी आधिकारिक घोषणा की है। वहीं कांग्रेस ने अमेठी संसदीय क्षेत्र से किशोरी लाल शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है।

अमेठी और रायबरेली उत्तर प्रदेश की इन दोनों लोकसभा सीटों पर लंबे समय से गांधी परिवार के सदस्य चुनाव लड़ते रहे हैं। राजनीतिक हलकों में इन सीटों को गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ के रूप में भी देखा जाता है। हालांकि, इस बार कांग्रेस ने अमेठी संसदीय सीट से गैर-गांधी परिवार वाले व्यक्ति को अपना उम्मीदवार बनाया है।

गौरतलब है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी अमेठी सीट से चुनाव लड़े थे। लेकिन उन्हें भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़े थे, जहां से जीत हासिल कर वह संसद पहुंचे। राहुल गांधी ने इस बार भी वायनाड से चुनाव लड़ा है।

साल 2019 में सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद चुनी गई थीं। इस बार स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा है। सोनिया गांधी राज्यसभा के जरिए संसद पहुंची हैं। ऐसे में सोनिया गांधी द्वारा खाली की गई सीट पर राहुल चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

वहीं अमेठी सीट से उम्मीदवार बनाए गए किशोरी लाल शर्मा को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का करीबी माना जाता है। खास बात यह है कि किशोरी लाल शर्मा सोनिया गांधी के रायबरेली से सांसद रहते हुए, इस सीट पर सांसद प्रतिनिधि के रूप में काम करते आए हैं।

रायबरेली और अमेठी में 20 मई को मतदान होना है। कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी की रायबरेली और शर्मा के अमेठी सीट पर नामांकन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

वहीं भाजपा ने अमेठी से एक बार फिर स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा है। दूसरी ओर रायबरेली सीट से भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह मैदान में हैं। वह साल 2019 में भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन उन्हें सोनिया गांधी ने बड़े अतंर से हराया था।

 

 

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यूपी से चुनाव नहीं लड़ेंगे राहुल-प्रियंका...

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवारी को लेकर बड़ी खबर आई है। दोनों नेता उत्तरप्रदेश से चुनाव नहीं लड़ेंगे। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि  राहुल गांधी अमेठी और प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन देर शाम तक स्थिति स्पष्ट हो गई कि राहुल और प्रियंका उत्तरप्रदेश से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। हालांकि अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। अगर ऐसा होता है तो 70 साल में यह पहली बार होगा कि गांधी परिवार का कोई भी सदस्य इन दो सीटों से चुनाव नहीं लड़ेगा।

 

 

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शाम तक होगी अमेठी-रायबरेली से राहुल-प्रियंका की उम्मीदवारी की घोषणा...

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवारी पर पार्टी नेता जयराम रमेश ने बात की है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस चुनाव समिति ने पूरी जिम्मेदारी पार्टी अध्यक्ष को दी है। उन्होंने बताया कि उनका मानना है कि आज शाम तक आधिकारिक घोषणा हो जाएगी।

जयराम रमेश ने कहा, "हम चाहते हैं कि राहुल गांधी अमेठी और प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें पूरे देश में चुनाव प्रचार करना है। दोनों ही हमारे स्टार प्रचारक हैं। कांग्रेस चुनाव समिति, कांग्रेस संगठन और कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी अमेठी से और प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़े। लेकिन यह उनकी पसंद है और उन्हें ही तय करना है।"

भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "पहले चरण के मतदान के बाद ही यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा दक्षिण में साफ और उत्तर में हाफ हो गई है। दूसरे चरण में भाजपा की सीटें बहुत कम हो जाएंगी। पहले और दूसरे चरण के बाद यह स्पष्ट हो गया कि इंडी गठबंधन को निर्णायक जनादेश मिलने जा रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "मेरे पास प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के लिए एक ही सवाल है। मौजूदा समय में एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा 50 फीसदी है। क्या आप इस 50 प्रतिशत की सीमा को हटा देंगे या नहीं? क्योंकि हमने अपने घोषणापत्र में बताया है कि हम इस सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाने वाले हैं।"

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अमेरिका में मारा गया सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस का मास्टरमाइंड गोल्डी बराड़,

नई दिल्ली: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य आरोपी गोल्डी बराड़ मारा गया है। सूत्रों के अनुसार, उसे अमेरिका में गोली मारी गई है। गोल्डी की हत्या की जिम्मेदारी डल्ला-लखबीर गैंग ने ली है।


गोल्डी बराड़ का असली नाम सतिंदरजीत सिंह है। जन्म 1994 में पंजाब के मुक्तसर साहिब जिले में हुआ। बता दें कि गोल्डी बराड़ के पिता पंजाब पुलिस से रिटायर्ड उप निरीक्षक हैं।

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद उसका नाम मीडिया में चर्चा में है। हालांकि इससे पहले भी वह कई वारदात कर चुका था। चंडीगढ़ में चचेरे भाई गुरलाल बराड़ की हत्या के बाद गोल्डी बराड़ ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित एक क्लब के बाहर 11 अक्तूबर 2020 की रात पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) के छात्रनेता गुरलाल बराड़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

गोल्डी बराड़ का चचेरा भाई गुरलाल बराड़ लॉरेंस बिश्नोई का सबसे करीबी था। गुरलाल बराड़ की हत्या के बाद लॉरेंस गैंग ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि अब नई जंग की शुरुआत है, सड़कों पर खून नहीं सूखेगा।

इस बीच गोल्डी बराड़ स्टडी वीजा पर कनाडा पढ़ाई करने जा चुका था। मगर गुरलाल की हत्या के बाद वह जरायम की दुनिया में कूद पड़ा। कनाडा से ही गोल्डी ने हत्याओं की साजिश रचनी शुरू की और कई वारदातों को अपने गुर्गों से अंजाम दिलवाया। इन्हीं में एक वारदात थी गुरलाल सिंह की हत्या। 18 फरवरी 2021 को पंजाब के फरीदकोट में जिला यूथ कांग्रेस अध्यक्ष गुरलाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोल्डी बराड़ ने अपने भाई की हत्या का बदला लेने की खातिर ही यूथ कांग्रेस नेता को मरवाया था।

मई 2022 में हुई थी मूसेवाला की हत्या
29 मई 2022 को पंजाब के मानसा जिले के जवाहरके गांव के पास पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ ने ली थी। गोल्डी ने हत्या की वजह भी बताई थी। गोल्डी के मुताबिक मोहाली में मिड्डूखेड़ा की हत्या में शामिल लोगों को मूसेवाला के मैनेजर ने आश्रय दिया था। बाद में मूसेवाला ने अपने मैनेजर की मदद की। इसी रंजिश में लॉरेंस गैंग ने मूसेवाला की हत्या की। पंजाब के मुक्तसर जिले के मलौट में रणजीत सिंह उर्फ राणा सिद्धू की हत्या में भी गोल्डी बराड़ शामिल था। हत्याओं से शुरु हुआ अपराध का यह सिलसिला अभी तक जारी है। 

 
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मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए किन्नरों ने किया महायज्ञ

प्रयागराज: नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए किन्नर समाज ने महायज्ञ किया है। किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी उर्फ़ टीना मां ने विघ्नेश्वर महायज्ञ का आयोजन किया। इस दौरान अग्नि कुंड में हवन की आहुति दी गई। पूरे विधि-विधान के साथ मंत्रोच्चार के बीच यज्ञ संपन्न हुआ।

प्रयागराज शहर स्वाहा की धुन से गुंजायमान हो उठा। हवन से वातावरण भी शुद्ध हो गया। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के सामने महाआरती भी की गई। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर ने कहा, अबकी बार मोदी सरकार 400 का आंकड़ा पार करने जा रही है। हवन यज्ञ के माध्यम से मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए किन्नरों ने उनको आशीर्वाद दिया है।

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अभिनेत्री रुपाली गांगुली हुईं भाजपा में शामिल

नई दिल्ली: 'अनुपमा' फेम टीवी अभिनेत्री रुपाली गांगुली ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया। उनके साथ अमेय जोशी ने भी भाजपा का दामन थामा। भाजपा राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी और संजय मयूख की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में रुपाली गांगुली और अमेय जोशी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

विनोद तावड़े ने रुपाली गांगुली और अमेय जोशी, दोनों व्यक्तियों का पार्टी में स्वागत करते हुए वोट जिहाद को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना भी साधा।तावड़े ने कांग्रेस पर भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को पूरी दुनिया में ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष अपने प्रचार में अब सिर्फ झूठ ही नहीं बल्कि वोट जिहाद के प्रचार तक उतर आया है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस यह बताएं कि क्या कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर वोट जिहाद की बात चलाई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे विपक्ष की बौखलाहट का पता चलता है कि उनके पैरों तले जमीन खिसक गई है।

वहीं भाजपा में शामिल होने के बाद रुपाली गांगुली ने कहा कि वह कला के रास्ते यहां तक पहुंची हैं और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बताए रास्ते पर चलकर देश की सेवा करेंगी।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जिस तरह से हर भारतीय की आत्मा पर अमिट छाप छोड़ी है, उसी तरह से उन्होंने उनकी आत्मा पर भी छाप छोड़ी है और वह सबके आशीर्वाद से भाजपा में शामिल हो रही हैं।

 

 

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पं धीरेन्द्र शास्त्री ने किए महाकाल के दर्शन, भस्म आरती में हुए शामिल

उज्जैन: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मध्य प्रदेश के उज्जैन पहुंचे। जहां उन्होंने श्री महाकाल मंदिर में पूजा अर्चना की। पंडित धीरेंद्र शास्त्री सुबह भस्म आरती में शामिल हुए। उन्होंने नंदी हाल में बैठकर शिव की आराधना की। वहीं गर्भगृह में पहुंचकर बाबा महाकाल का जलाभिषेक किया है।

बारह ज्योतिर्लिंग में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला जारी है। जहां वीआईपी दर्शनार्थी मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन पा रहे हैं। तो वहीं आम श्रद्धालुओं की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचे।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सुबह होने वाली महाकाल की आरती में शामिल हुए। उन्होंने नंदी हाल में बैठकर शिव जी की आराधना की। साथ ही गर्भगृह में पहुंचकर भगवान महाकाल का जल से अभिषेक भी किया है। इस दौरान बाबा बागेश्वर भक्ति में लीन दिखाई दिए। वहीं पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने मंदिर समिति की तरफ से पुष्प माला पहनाकर उनका सम्मान किया।

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जम्मू में भारी बारिश के बाद भूस्खलन, अलर्ट पर इमरजेंसी सेवाएं

जम्मू कश्मीर में भारी बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है और भूस्खलन के कारण दर्जनों मकान ढह गए हैं। बारामुला, किश्तवाड़ और रियासी जिलों में सबसे अधिक नुकसान देखने को मिला है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पहाड़ी क्षेत्र में भारी हिमपात के बाद तीन दर्जन से अधिक मकान ढह गए और कई मकान गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने लोगों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया है।

अलर्ट पर इमरजेंसी सेवाएं

किश्तवाड़ जिले में भारी बारिश के कारण 12 घरों को नुकसान पहुंचा। यहां इमरजेंसी सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है। गौरतलब है कि बीते 4 दिनों से क्षेत्र में हो रही भारी बारिश हो रही है। नागसेनी, मुगल मैदान और किश्तवाड़ इलाकों में लगभग एक दर्जन घरों को नुकसान होने का संकेत दिया गया है। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी बर्फबारी व बारिश की संभावना जताई है और इस कारण कश्मीर घाटी में मंगलवार को स्कूल बंद रखे जाएंगे। यहां मंगलवार को होने वाली जूनियर असिस्टेंट की टाइप परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है।

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अमेरिका में विरोध-प्रदर्शन तेज, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में लगाया गया फलस्तीन का झंडा

वॉशिंगटन:  हमास और इस्राइल बीते छह महीने से जंग लड़ रहे हैं। इस्राइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर अमेरिका में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। देशभर में लोग इस्राइल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध कॉलेज परिसरों में भी जारी हैं। पुलिस ने सप्ताहांत में करीब 275 लोगों को गिरफ्तार किया है।

अमेरिका के विश्वविद्यालयों में फलस्तीनी समर्थक प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। यहां पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी एक और सप्ताह जारी रही। हार्वर्ड विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारियों ने, जहां अमेरिका का झंडा लगा होता है, वहां फलस्तीनी झंडा लगाया।
     
इसके अलावा, हिल्टन होटल में व्हाइट हाउस के पत्रकारों का भोज होना था। यहां जो बाइडन के रात्रिभोज को संबोधित करने की उम्मीद थी। कार्यक्रम से पहले यहां फलस्तीनियों का समर्थन कर रहे लोग पहुंच गए। इनमें से कुछ ने होटल की सबसे ऊपरी मंजिलों में से एक पर फलस्तीनी झंडा लगा दिया। घटनास्थल पर मौजूद प्रदर्शनकारियों ने इस पर तालियां बजाईं।
     
प्रदर्शनकारियों ने फलस्तीनी केफिए और तरबूज के प्रतीक वाले कपड़े पहने थे। उन्होंने वाशिंगटन हिल्टन के बाहर फलस्तीनी मुक्त के नारे लगाए। साथ ही कहा कि हम कवरेज की मांग करते हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस्राइल और गाजा की खबरों को अधिक से अधिक दिखाने के मकसद से यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
     
पुलिस ने चार अलग-अलग विश्वविद्यालयों के परिसरों से करीब लगभग 275 लोगों को गिरफ्तार किया। बता दें, बोस्टन में नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी से 100, सेंट लुइस में वाशिंगटन विश्वविद्यालय से 80, एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी से 72 और इंडियाना विश्वविद्यालय से 23 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
     
यूसीएलए में इस्राइल और फलस्तीनी समर्थकों के बीच झड़पों की सूचना मिली थी, जहां पिछले सप्ताह एक टेंट शिविर तैयार किया गया था।
     
राष्ट्रपति जो बाइडन ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों पर संज्ञान लिया। व्हाइट हाउस का कहना है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किए जाने चाहिए।
     
प्रदर्शनकारी लगातार हमास-इस्राइल युद्ध में संघर्ष विराम को लेकर आह्वान कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि देश ऐसे लोगों से संबंध खत्म कर दे, जिनका कहना है कि गाजा में संघर्ष से लाभ होता है।
     
विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए यह विरोध-प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। प्रशासन शिकायतों के साथ स्वतंत्र अभिव्यक्ति के प्रति प्रतिबद्धताओं को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है।
     
जो बाइडन ने रविवार को इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बात की। इस दौरान, उन्होंने गाजा सीमावर्ती शहर राफा पर संभावित हमले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की।
     
हमास ने सात अक्तूबर को इस्राइली शहरों पर पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमले की शुरुआत की थी। इसके बाद हमास के आतंकियों ने इस्राइल में घुसकर लोगों को मौत के घाट उतारा। इसके जवाब में इस्राइल ने हमास आतंकियों के खिलाफ गाजा में ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन में गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की गई है, जिससे अधिकतर गाजा खंडहर में तब्दील हो गया है। अब तक इस्राइल और गाजा में कुल मिलाकर 30000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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ईडी कार्यालयों की सुरक्षा अब CISF के जिम्मे, गृह मंत्रालय से आदेश जारी

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले की लगातार बढ़ती घटनाओं के बाद गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। अब कई शहरों में ईडी दफ्तरों के बाहर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों की तैनाती की जाएगी। गृह मंत्राल ने यह फैसला ईडी अधिकारियों को सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है।

सूत्रों का मुताबिक ईडी के कोलकाता, रांची, रायपुर, जयपुर, जालंधर, कोच्चि और मुंबई कार्यालयों के बाहर सीआईएसएफ की तैनाती जल्द हो सकती है। सीआईएसएफ ही एकमात्र ऐसा केंद्रीय अर्धसैनिक बल है जिसे आमतौर पर प्रतिष्ठानों के बाहर तैनात किया जाता है। इसके हवाले एयरपोर्ट, मेट्रो से लेकर कई बड़ी कंपनियों के ऑफिस हैं। इसके अलावा कई वीवीआईपी को भी सीआईएसएफ का कवर मिला हुआ है। इनमें मुकेश अंबानी समेत कई बड़े उद्योगपति मौजूद हैं।

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नामांकन वापस लेने के बाद भाजपा में शामिल होंगे अक्षय कांति...

 इंदौर: लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। चुनाव के तीसरे चरण से पहले सोमवार को इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस ले लिया। अक्षय कांति बम ने नाम वापसी के अंतिम दिन अपना नामांकन फार्म वापस ले लिया है। बता दें कि इससे पहले निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस के तीन डमी उम्मीदवारों का नामांकन रद्द कर दिया है। अक्षय कांति बम ने रमेश मेंदोला की मौजूदगी में अपना नामांकन वापस ले लिया। अक्षय कांति बम के इस फैसले से कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है।


वहीं, दूसरी ओर अक्षय कांति बम के नामांकन वापसी के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर उनका भाजपा में स्वागत किया है। कैलास विजयवर्गीय ने ट्वीट कर लिखा है कि इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है। कैलाश विजयवर्गीय के इस ट्वीट के बाद ये माना जा रहा है कि अक्षय कांति बम भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि अभी तक इस संबंध में अक्षय कांति बम की ओर से कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

हालाँकि अक्षय कांति ने यह फैसला क्यों लिया यह साफ नहीं हो सका हैं लेकिन भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ उनके निर्वाचन कार्यालय पहुँचने से यह भी साफ़ हो गया हैं कि वह जल्द भाजपा में शामिल हो सकते हैं। सम्भावना जताई जा रही हैं कि इस खेला में बड़ा हाथ एमपी सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कोई बड़ा गेम हो सकता हैं।

 

 

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खुद को एक्सीडेंटल हिंदू कहने वालों का भारत के इतिहास पर बोलना हास्यास्पद : सीएम योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा अपने वक्तव्यों के माध्यम से चर्चा में बने रहने के आदि हैं। जिन्हें भारत के इतिहास और भूगोल की जानकारी नहीं है, वो इस प्रकार की अनर्गल टिप्पणी ही करेंगे...जिन लोगों ने अपने आपको एक्सीडेंटल हिंदू कहा है, वे भारत के इतिहास के बारे में चर्चा करेंगे तो यह हास्यास्पद ही होगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत की एक समृद्ध परंपरा रही है... मुझे आश्चर्य इस बात का होता है कि राहुल गांधी बोलते समय उन राजाओं के योगदान को क्यों भूल गए, जिन्होंने भारत को बनाने में योगदान दिया...जिन्होंने हिंदुस्तान का इस्लामीकरण करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी, जिन लोगों ने अत्याचार की सभी सीमाओं को लांघ डाला था, राहुल गांधी को इसके बारे में भी चर्चा करनी चाहिए...।

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अमानतुल्लाह खान को कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड मामले में दी जमानत

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अमानतुल्ला खान को उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत पर दर्ज मामले में जमानत दे दी। अदालत ने उन्हें 15,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि पर जमानत दे दी है। जमानत मिलने के बाद आप विधायक अमानतुल्लाह खान पार्टी कार्यालय पहुंचे।

दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वह आरोपी हैं। आज राऊज एवेन्यू कोर्ट में उनकी पेशी थी। ईडी ने हाल ही में दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्ति और उनकी संपत्तियों को पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में एजेंसी के सामने पेश नहीं होने और जांच में शामिल नहीं होने के लिए उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। 

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मोदी-राहुल को चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस, 29 तक मांगा जवाब

नई दिल्ली: आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों पर चुनाव आयोग ने पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषणों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक दोनों पार्टियों से जवाब मांगा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी और धर्म, जाति, संप्रदाय और भाषा के नाम पर लोगों के बीच नफरत फैलाने और अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।


भाजपा-कांग्रेस अध्यक्षों को जारी किया गया नोटिस
चुनाव आयोग ने इस मामले में जन प्रतिनिधि कानून की धारा 77 की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए स्टार प्रचारकों के आचरण के लिए पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना है और दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को अपने उम्मीदवारों, स्टार प्रचारकों के आचरण की जिम्मेदारी लेनी होगी। खासकर शीर्ष पदों पर बैठे लोगों द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे भाषण और भी चिंताजनक है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

पीएम मोदी के राजस्थान में दिए भाषण पर हुआ विवाद
दरअसल पीएम मोदी ने बीते दिनों राजस्थान में एक रैली के दौरान कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह लोगों की संपत्ति को घुसपैठियों और ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों में बांट देगी। प्रधानमंत्री ने इस दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एक पुराने बयान का जिक्र किया, जिसमें मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है। इस मामले में कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से अपील की थी कि पीएम मोदी का बयान विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण है और यह आचार संहिता का साफ उल्लंघन है। कांग्रेस ने पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव आयोग से 140 पेज में 17 शिकायतें की।

राहुल गांधी के दावे को भाजपा ने बताया झूठ
भाजपा ने भी 22 अप्रैल को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में भाजपा ने कहा था कि राहुल गांधी देश में गरीबी बढ़ने का झूठा वाद कर रहे हैं। भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी ने भाषा और क्षेत्र के आधार पर देश में विभाजन पैदा करने और चुनावी माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की।

 

 

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यूट्यूबर मनीष कश्यप भाजपा में शामिल, इस सीट से उतरेंगे चुनावी मैदान में...

 नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मी के बीच देश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा का कुनबा तेजी से बढ़ते जा रहा हे। रोजाना देश के अलग-अलग राज्यों से हजारों कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इसी कड़ी में खबर आ रही है कि बिहार के फेमस यूट्यूबर मनीष कश्यप गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी ने उन्हें पश्चिमी चंपारण सीट चुनावी मैदान में उतार सकती है। हालांकि अभी तक उन्होंने खुद से चुनाव लड़ने की बात नहीं कही है।


मनीष कश्यप ने दिल्ली में कई दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली। बता दें कि खुद को Son of Bihar कहने वाले मनीष कश्यप पहले ही पश्चिमी चंपारण सीट पर जनता से मेल मुलाकात शुरू कर चुके हैं, जिसे देखते हुए ये माना जा रहा था कि वो निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरेंगे। मनीष कश्यप की पॉपुलरिटी और उनके प्रति जनता की संवेदना को देखते हुए भाजपा ने बड़ा दांव खेलते हुए पार्टी में शामिल करने का फैसला ले लिया। ज्ञात हो कि मनीष कश्यप 2020 में वो बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुके थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

गौरतलब है कि बेतिया जिले के रहने वाले मनीष कश्यप उस समय चर्चा में आए थे, जब फर्जी वायरल वीडियो मामले में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। मनीष को करीब नौ महीने जेल में बिताने पड़े थे। इसके अलावा मनीष की पहचान एक सक्सेसफुल यूट्यूबर की है, उनके यूट्यूब पर करीब 8.75 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं। वो बिहार से जुड़े कई सामाजिक मुद्दों पर सालों से वीडियो बना रहे हैं। केवल बिहार में ही नहीं बल्कि हिन्‍दी स्‍पीकिंग बेल्‍ट में उनके वीडियो काफी पसंद किए जाते हैं।

दरअसल, दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का कथित वीडियो मनीष कश्‍यप ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल से शेयर किया था, जो काफी वायरल हुआ था। यह वीडियो बनाकर वो कानून के जाल में बुरी तरह फंस गए। वीडियो वायरल होने के बाद तमिलनाडु पुलिस ने इसे भ्रामक बताया था। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी। इसके अलावा बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने भी इसी मामले को लेकर मनीष कश्यप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। इसके बाद मनीष को 9 महीने जेल में बिताना पड़ा था।

 

 

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रामलीला मैदान से हनुमान जी की शोभायात्रा निकली

जयपुर: राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने हनुमान जयंती के दूसरे दिन रामलीला मैदान से स्वर्ण मंडित हनुमानजी के मुख्य रथ की शोभायात्रा का शुभारंभ किया। उन्होंने संत-महंतों की उपस्थिति में मुख्य रथ पर विराजमान हनुमान जी की आरती उतारकर विधिवत पूजा—अर्चना की।

राज्यपाल ने शोभायात्रा का पूजा कर शुभारंभ करते हुए हनुमान जी से प्रदेशवासियों की खुशहाली और संपन्नता की कामना की। रामलीला मैदान से प्रारंभ हुई हनुमान जी की शोभायात्रा में चालीस के करीब आकर्षक झांकियां निकाली गईं।

 

 

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विश्व स्तर पर फैली है मोदी की गारंटी : जयशंकर

हैदराबाद: केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने दावा किया है कि ‘मोदी की गारंटी’ भारत की सीमाओं से परे है और इसका वैश्विक स्तर पर महत्व है। डॉ जयशंकर मंगलवार की शाम यहां फोरम फॉर नेशनलिस्ट थिंकर्स, हैदराबाद चैप्टर की ओर से आयोजित भारत की विदेश नीति : संदेह से विश्वास तक’ विषय पर एक वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर भगवान हनुमान की तुलना एक कूटनीतिक आदर्श के रूप में की तथा अपने नागरिकों के कल्याण और सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए विदेश नीति निर्णयों में राष्ट्रीय हित को सबसे आगे रखने के महत्व को रेखांकित किया।

वैश्विक मामलों में डॉ. जयशंकर ने उन उदाहरणों का उल्लेख किया जहां भारत ने संकट के समय देशों को समर्थन दिया, जिसमें प्रशांत और कैरेबियाई क्षेत्र भी शामिल थे। उन्होंने चुनौतियों का सामना कर रहे देशों के साथ समावेशिता और एकजुटता की वकालत करते हुए भारत की विदेश नीति के नैतिक आयाम पर जोर दिया तथा ऐतिहासिक चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में चीन को दीर्घकालिक चिंता के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने रणनीतिक स्पष्टता की आवश्यकता के साथ ही राजनयिक व्यस्तताओं में राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर दिया।

डॉ. जयशंकर ने वैश्विक समुदाय के साथ जुड़ते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों की रक्षा की अनिवार्यता पर बल देते हुए विदेश नीति में ‘भारत पहले’ दृष्टिकोण की वकालत की। उन्होंने सरदार पटेल जैसे नेताओं के व्यावहारिक रुख को ध्यान में रखते हुए, कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के साथ भारत की भागीदारी पर चर्चा की। उन्होंने बाहरी निर्णयों के अनुचित प्रभाव के बिना राष्ट्रीय हितों की रक्षा के महत्व पर जोर दिया। अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण पर उन्होंने कहा कि भारत ने 1947 की एक ऐतिहासिक गलती को सुधार लिया है।

विदेश मंत्री ने विशेष रूप से कश्मीर और पाकिस्तान के संबंध में अंतरराष्ट्रीय दबावों पर राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता , राष्ट्रीय विकास और आर्थिक वृद्धि के लिए मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने के साथ ही महत्व पर जोर दिया। डॉ. जयशंकर ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहल में आत्म-विश्वास की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि ये सिर्फ आर्थिक रणनीतियाँ नहीं हैं बल्कि आत्मविश्वास की अभिव्यक्ति हैं।

कार्यक्रम में तेलंगाना प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं और केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी, लोकसत्ता के संस्थापक सदस्य डॉ. जयप्रकाश नारायण, पूर्व एमएलसी एन रामचंदर राव और अन्य गणमान्य हस्तियां मौजूद रहीं।

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