हिंदुस्तान

क्रांतिधरा से मोदी करेंगे यूपी में लोकसभा चुनाव का शंखनाद

मेरठ: मौजूदा लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीट और देश भर में 400 से अधिक सीटें जीतने के भारतीय जनता पार्टी के संकल्प को पूरा करने के इरादे से प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 31 मार्च को लगातार तीसरी बार क्रांतिधरा मेरठ से घनी आबादी वाले राज्य में अपने चुनाव प्रचार का आगाज करेंगे।

मोदीपुरम में केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के पास आयोजित होने वाली इस रैली में भाजपा रालोद (राष्‍ट्रीय लोकदल) गठबंधन के तहत रालोद मुखिया जयंत चौधरी पहली बार प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा करेंगे।

इससे पहले श्री मोदी ने वर्ष 2014 में मेरठ की धरती से ही उत्तर प्रदेश में चुनाव का शंखनाद किया था जिसकी परिणीत थी कि भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों पर भगवा लहरा कर विपक्ष का सूपड़ा ही साफ कर दिया था।

और भी

सीएए पर सीख देने वालों को खारिज करने की आवश्यकता: धनखड़

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर सीख देने वालों को खारिज करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा है कि इन्हें जमीनी हकीकत की जानकारी नहीं है।

श्री धनखड़ ने गुरुवार को यहां अमेरिकन बार एसोसिएशन स्प्रिंग कॉन्फ्रेंस के दूसरे संस्करण को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने अपने लंबे इतिहास में कई धार्मिक समुदायों को शरण दी है। उन्होंने कहा कि सीएए के बारे में अज्ञानतापूर्ण टिप्पणियाँ करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य संस्थाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन टिप्पणियों को पुरजोर तरीके से खारिज किए जाने की आवश्यकता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि सीएए हमारे पड़ोस में धार्मिक आधार पर सताए गए लोगों को राहत देने के लिए है। इससे किसी को भी नागरिकता से वंचित नहीं किया जा रहा है। सीएए के अंतर्गत नागरिकता के लिए 2014 की कट ऑफ डेट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसका लाभ लेने के लिए लोगों को आमंत्रित नहीं किया जा रहा हैं। इसका लाभ उन्हें दिया जा रहा है जो पहले से ही इस देश में हैं। ये लोग एक दशक से अधिक समय से इस देश में हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि जमीनी हकीकत से अनभिज्ञ रहकर सीख देने वालों को फटकार लगानी चाहिए। उन्होंने भारत के संस्थानों के बारे में कुछ लोगों की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई। श्री धनखड़ ने कहा, हम दूसरों से ज्ञान प्राप्त करने वाले देश नहीं हैं।

श्री धनखड़ ने कहा कि कुछ देश ऐसे हैं, जो कई मंचों से हमें सिखाना चाहते हैं कि लोकतंत्र क्या है? उन्होंने युवाओं से सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर ऐसी चीजों के खिलाफ बोलने का आग्रह किया।

और भी

जरायम की दुनिया से लेकर राजनीति के गलियारों तक चलता था मुख्तार का सिक्का

गाजीपुर: तीन दशक से अधिक समय तक जरायम की दुनिया में हुकूमत करने माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की तूती पूर्वांचल की राजनीति में भी सिर चढ़ कर बोलती थी।

मऊ जिले में सदर विधानसभा के पूर्व विधायक रहे मुख्तार की गुरुवार को बांदा के सरकारी अस्पताल में हृदयाघात से मृत्यु हो गयी थी। गाजीपुर के यूसूफपुर मोहम्मदाबाद निवासी माफिया पिछले करीब तीन साल से बांदा जेल में निरुद्ध था।अंसारी की मौत के बाद उसके राजनीतिक क्षेत्र मऊ और गृह जिले गाजीपुर में ऐहतियात के तौर पर अलर्ट घोषित कर दिया गया है। मुख्तार का अंतिम संस्कार आज यूसुफपुर मोहम्मदाबाद स्थित उसके पैतृक शमशान कब्रिस्तान में किया जायेगा।

किसी जमाने में महात्‍मा गांधी के करीबी रहे मुख्तार अंसारी के दादा मुख्‍तार अहमद अंसारी कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष भी रहे, वहीं मुख्‍तार के नाना ब्रिगेड‍ियर उस्‍मान महावीर चक्र व‍िजेता रहे । मुख्तार अंसारी के पिता भी अपने समय के बड़े वामपंथी नेताओं में शुमार रहे।

दबंग छवि को लेकर पूर्वांचल की राजनीति का बादशाह बने मुख्तार अंसारी विहिप अंतरराष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा अपहरण और हत्याकांड के बाद जयराम की दुनिया का सिरमौर बना था। मुख्तार अंसारी अपने छात्र जीवन से ही काफी दबंग युवा माना जाता रहा। 30 जून 1963 को गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में सुबहानउल्लाह अंसारी और बेगम राबिया के घर जन्में मुख्‍तार अंसारी तीन भाईयों में सबसे छोटा था। मुख्तार अंसारी दबंगई करते हुए कब अपराधिक जीवन में पहुंचा, इसकी खबर दुनिया को तब लगी जब वह अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। तब उसे पैसे की दरकार हुई जिसकी पूर्ति करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से जनवरी 1997 में मुख्तार अंसारी ने नंदकिशोर रुंगटा जो उस समय विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष थे, का अपहरण उनके आवास से कर लिया। उनको छोड़ने की आवाज में तीन करोड रुपए फिरौती के रूप में मांगी गई जो उसे समय की काफी बड़ी रकम हुआ करती थी।

बताते हैं की रकम प्राप्त होने के बाद भी नंदकिशोर रुंगटा को मारकर शव गायब कर दिया गया जो आज तक प्राप्त नहीं हो सका। इस घटना के बाद मुख्तार अंसारी अपराध जगत का एक नया स्तंभ बनकर उभरा।

उसके बाद मुख्तार अंसारी मऊ से चुनाव लड़कर विधायक बना जो लगातार विधायक का चुनाव जीतता रहा। इस दौरान मुख्तार अंसारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कद्दावर नेता मोहन मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ वाराणसी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा जो काफी कम मतों से पराजित हुआ। इस दौरान मुख्तार अंसारी पूरे पूर्वांचल में माफिया जगत का बादशाह बन गया था। कोयला व्यवसाय से लेकर सरकारी ठेकों में मुख्तार अंसारी की इजाजत के बिना कोई कार्य संभव नहीं हो पता था। यहां तक की मऊ जनपद में पीडब्ल्यूडी व अन्य सरकारी ठेकों के वितरण का काम मुख्तार अंसारी ही देखता रहा। अपराध जगत में साम्राज्य बढ़ता गया और लगातार अपराधिक घटनाएं भी बढ़ती गई। दर्जन भर से अधिक हत्याएं हुई जिसमें सीधे-सीधे परोक्ष से अपरोक्ष रूप से मुख्तार अंसारी का ही नाम आया।

2005 में मऊ में हुए दंगों में खुली जिप्सी के ऊपर मुख्तार का लहराता वीडियो उसके द्वारा की जा रही अपील एक अलग ही हवा खड़ा करता नजर आया। 2005 में ही गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र से तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की उनके सात साथियों समेत गोली मारकर हत्या की गयी। इस हत्याकांड में 400 से अधिक राउंड गोली चले थे। इस तरह से देखें तो एक दबंग छवि का युवक मुख्तार अपराधिक जगत का बादशाह बन गया था। इतना ही नहीं वह अपनी व्यवस्थाओं के चलते पूर्वांचल की आधा दर्जन विधानसभा सीटों का मालिक भी बन बैठा था। जहां वह कभी बसपा व सपा के बैनर तले विधायक बना। कई बार निर्दल भी चुनाव जीत गया।

इस दौरान मुख्तार अंसारी ने हिंदू मुस्लिम एकता दल, कौमी एकता दल जैसी छोटी-छोटी पार्टियों का भी गठन किया। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के लगभग 7- 8 लोकसभा और लगभग 35-40 व‍िधानसभा सीटों पर माफिया मुख्तार अंसारी का सीधा या आंशिक प्रभाव माना जाता रहा है। कभी पूर्वांचल के वाराणसी, गाजीपुर, बल‍िया, जौनपुर और मऊ में मुख्‍तार अंसारी की तूती बोलती थी।

इन जिलों में मुख्‍तार अंसारी और इसके कुनबे का दबदबा माना जाता रहा है। यही वजह थी कि कभी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव तो कभी बसपा मुखिया मायावती ने मुख्तार को अपनाया । मायावती ने तो मुख्तार अंसारी को गरीबों का मसीहा तक कह डाला था।

नब्बे के दशक में गाजीपुर मऊ, बलिया ,वाराणसी और जौनपुर में सरकारी ठेकों को लेकर गैंगवार शुरू हो गए थे। इस दौर में इन जिलों में सबसे चर्चित नाम मुख्तार अंसारी का रहा था। मुख्तार अंसारी 1996 में पहली बार बसपा से मऊ सदर से विधायक बना और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुख्तार ने मऊ को अपना गढ़ बनाया और यहां से लगातार पांच बार 2022 तक विधायक रहा। मुख्तार अंसारी ने 2002 में बसपा से टिकट न मिलने पर निर्दल मऊ सदर से चुनाव लड़ने का फैसला किया और जीत हासिल की उसके बाद उसने अपनी खुद की पार्टी का गठन किया और कौमी एकता दल के नाम से चुनाव मैदान में उतरा और लगातार दो बार जीत हासिल की।

2017 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार ने एक बार फिर बसपा का दामन थामा और अपने पार्टी कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर लिया और जीत हासिल की। 2022 में विधान सभा चुनाव में किन्ही कारणों से उसने चुनाव लड़ने से मना कर दिया और इस सीट पर अपने बेटे अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा और मुख्तार की विरासत मऊ सदर पर अब्बास ने जीत हासिल कर ली।

कभी जिसके नाम की तूती पूर्वांचल के दर्जनों जिले मे बोलती थी आज उसका नाम अपने नाम के साथ जोड़ने को लोग कतरा रहे हैं। लोग कहते हैं कि अस्सी और नब्बे के दशक में जिस माफिया मुख्तार अंसारी के नाम से सरकारी ठेके खुला करते थे, अवैध वसूली हुआ करती थी। कभी जिसका करीबी होना लोग शान समझते थे आज उस माफिया मुख्तार अंसारी के नाम को अपने नाम के साथ जोड़ने से लोग कतरा रहे हैं। 90 के दशक से शुरू हुआ मुख्तार का रसूख 2017 तक आते-आते ध्वस्त होना शुरू हुआ।

आलम यह रहा की योगी सरकार के अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे हैं मुहिम में 2024 तक माफिया मुख्तार की लगभग 500 करोड़ की संपत्ति या तो जब्त की जा चुकी है या उस पर बुलडोजर चलाया जा चुका है।

 
और भी

चुनाव प्रचार में अभ्यर्थी 95 लाख रुपए तक व्यय कर सकेंगे

सीहोर: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन-2024 के लिए अभ्यर्थी के लिए चुनाव प्रचार व्यय की सीमा 95 लाख रूपये निर्धारित है। इसके लिये अभ्यर्थी को बैंक में एक पृथक खाता खोलना आवश्यक है। रिटर्निंग अधिकारी से प्राप्त निर्वाचन व्यय रजिस्टर में सभी दैनिक व्यय लेखा का रख रखाव करना होगा। सभी पोस्टर, बैनर, पम्प्लेट, चाहे वे नाम निर्देशन के पहले मुद्रित/प्रकाशित किए गए हो, परंतु नाम निर्देशन के बाद उपयोग/ प्रदर्शित किए जा रहे हों, यह सभी अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जुड़ेंगे।

और भी

केजरीवाल को हाईकोर्ट से राहत, बने रहेंगे मुख्यमंत्री

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत दी है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली याचिका खारिज हो गई है। दिल्ली हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल को सीएम पद से हटाने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया था कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार एवं उपराज्यपाल के प्रधान सचिव से यह बताने को कहा जाए कि किस अधिकार के तहत केजरीवाल मुख्यमंत्री पद पर बने हुए हैं। एक वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

अरविंद केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने बताया कि हाईकोर्ट में जो जनहित याचिका दायर की। उसमें मैंने कई पहलूओं को बताया। उन्होंने कहा कि पहला पहलू गोपनीयता का है। दूसरा जब वह कैबिनेट मीटिंग नहीं ले पाएंगे, मसलन पिछली बार यमुना में बाढ़ के कारण कैबिनेट मीटिंग हुई थी और फैसले लिए गए थे, वो नहीं हो सकते। आगे तीसरा कारण बताते हुए कहा कि दिल्ली में सीएम हर विभाग के काम के बारे में दिल्ली एलजी को रिपोर्ट सौंपते हैं ऐसा भी नहीं हो सकता।

आगे कहा कि सीएम की जिम्मेदारी संभालना और एक सीएम के रूप में जेल से काम करना संभव नहीं है। इसलिए कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। याचिका में सीएम पद हटाने की मांग की है। एक सीएम के रूप में उन्हें जो मासिक वेतन मिलता है एक विधायक से भी ज्यादा होता है। इसलिए अगर वह सीएम के रूप में काम करने में सक्षम नहीं है तो उस पैसे को भी न दिया जाए।

कौन हैं सुरजीत सिंह, जिन्होंने डाली थी याचिका
याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव दिल्ली के रहने वाले हैं। वह अपने आप को किसान और सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करते हैं। यादव ने तर्क रखा कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में बाधा आएगी और न्याय की प्रक्रिया बाधित होगी, बल्कि राज्य में संवैधानिक तंत्र भी टूट जाएगा।

केजरीवाल ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है और चूंकि वह हिरासत में हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम कर लिया है और इस तरह उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए कि मुख्यमंत्री बने रहें।

'गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन होगा'
यादव ने कहा कि जेल में बंद सीएम किसी भी व्यवसाय को करने में असमर्थ होगा जिसका कानून उसे आदेश देता है और अगर उसे ऐसा करने की अनुमति दी जाती है तो किसी भी सामग्री को चाहे वह गुप्त प्रकृति की हो जेल में उन तक पहुंचने से पहले जेल अधिकारियों द्वारा पूरी तरह से उसे स्कैन करेगी। केजरीवाल के हाथ और ऐसा कृत्य सीधे तौर पर संविधान की तीसरी अनुसूची के तहत सीएम को दिलाई गई गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन होगा।

इसके अलावा, याचिका में कहा गया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के कामकाज के लेन-देन नियम, 1993 एक मुख्यमंत्री को कैबिनेट के किसी भी विभाग से टोर फाइलें मंगाने का अधिकार देता है और अगर केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहते हैं, तो वह अपने अधिकारों के दायरे में रहेंगे। उन फाइलों की जांच की मांग जिनमें उन्हें आरोपी बताया गया है। ऐसी स्थिति आपराधिक न्यायशास्त्र के लोकाचार के खिलाफ है।

और भी

न्यायपालिका पर खतरा : 500 वकीलों ने CJI चंद्रचूड़ को लिखा पत्र

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को देश के जाने-माने 500 से ज्यादा वकीलों ने चिट्ठी लिखी है। पत्र लिखने वालों में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा समेत तमाम प्रमुख नाम शामिल हैं। इन वकीलों ने चिट्ठी में न्यापालिका की अखंडता पर खतरे को लेकर चिंता जताई है। इन वकीलों का कहना है कि कुछ 'खास समूह' न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं और कोर्ट के फैसलों पर असर डाल रहे हैं।


पत्र में कहा गया है कि यह समूह राजनीतिक एजेडों के साथ आधारहीन आरोप लगा रहे हैं और न्यायपालिका की छवि के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामलों में घिरे राजनीतिक चेहरों से जुड़े केसों में यह हथकंडे जाहिर तौर पर दिखते हैं। ऐसे मामलों में अदालती फैसलों को प्रभावित करने और न्यायपालिका को बदनाम करने के प्रयास सबसे अधिक स्पष्ट होते हैं।

पत्र में कहा गया है कि कुछ खास समूह कथित तौर पर झूठे नैरेटिव गढ़ कर न्यायपालिका के कामकाज की गलत छवि पेश करना चाहते हैं। यह समूह मौजूदा वक्त की अदालतों की तुलना कोर्ट्स के एक कथित 'स्वर्णिम युग' से करते हैं, ताकि न्यायिक फैसलों को प्रभावित किया जा सके और न्यापालिका पर जनता के विश्वास को डिगाया जा सके।

'कुछ वकीलों की जजों को प्रभावित करने की कोशिश'
आधिकारिक सूत्रों द्वारा साझा किए गए पत्र में बिना नाम लिए वकीलों के एक वर्ग पर निशाना साधा गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि वे दिन में नेताओं का बचाव करते हैं और फिर रात में मीडिया के जरिए जजों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।

‘न्यायपालिका पर खतरा: राजनीतिक और पेशेवर दबाव से न्यायपालिका को बचाना’ शीर्षक वाली इस चिट्ठी में 600 से ज्यादा वकीलों के नाम हैं। इनमें आदिश अग्रवाल, चेतन मित्तल, पिंकी आनंद, हितेश जैन, उज्ज्वला पवार, उदय होला और स्वरूपमा चतुर्वेदी जैसे अन्य प्रमुख नाम भी शामिल हैं।

वकीलों ने इस पत्र में किसी खास मामले का जिक्र तो नहीं किया है, हालांकि यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब अदालतें विपक्षी नेताओं से जुड़े भ्रष्टाचार के कई बड़े आपराधिक मामलों से सुनवाई कर रही हैं। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर अपने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उनके नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है, वहीं सत्तासीन भाजपा ने इस आरोप का खंडन किया है।

अदालतों की गरिमा पर आघात करने वाली कहानियां गढ़ी गईं
पत्र लिखने वाले वकीलों ने कहा है कि इस समूह ने ‘बेंच फिक्सिंग’ की पूरी कहानी गढ़ी है, जो न केवल अपमानजनक है बल्कि अदालतों के सम्मान और गरिमा पर आघात है। इसमें कहा गया, ‘‘ये लोग अपनी अदालतों की तुलना उन देशों से करने के स्तर तक चले गए जहां कानून का कोई शासन नहीं है।’’ इन अधिवक्ताओं ने कहा है कि इन आलोचकों का रवैया कुछ ऐसा है कि जिन फैसलों से वे सहमत होते हैं, उनकी तारीफ करते हैं, लेकिन उनकी असहमति वाले किसी भी फैसले की वे अवमानना करते हैं। पत्र के अनुसार, ‘‘यह दोहरा व्यवहार उस सम्मान के लिए नुकसानदायक है जो किसी भी आम आदमी को हमारी कानून प्रणाली के लिए होना चाहिए।’’

इस तरह के बर्ताव के समय पर सवाल उठाते हुए वकीलों ने कहा कि यह सब तब हो रहा है जब देश चुनाव की ओर बढ़ रहा है। पत्र में अधिवक्ताओं ने लिखा है, ‘‘हमें 2018-2019 के इसी तरह की हरकतें याद आती हैं, जब उन्होंने गलत चर्चा गढ़ने के साथ ही अपनी ‘हिट एंड रन’ गतिविधियों को अंजाम दिया। निजी और राजनीतिक कारणों से अदालतों का अनादर करने और उन्हें गुमराह करने की कोशिशों की किसी भी हालत में इजाजत नहीं दी जा सकती।’’ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मजबूत बने रहने और अदालतों को इन कथित हमलों से बचाने के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की।

चिट्ठी में आगे कहा गया, ‘‘चुप रहने या कुछ नहीं करने से उन लोगों को ताकत मिल सकती है, जो न्यायपालिका को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। यह गरिमापूर्ण तरीके से शांत रहने का समय नहीं है, क्योंकि कुछ साल से ऐसे प्रयास हो रहे हैं और लगातार हो रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन समय में देश के चीफ जस्टिस का नेतृत्व अहम है।

 

 

और भी

नारी सशक्तिकरण भविष्य के लिए निवेश: धनखड़

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नारी सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा है कि यह पूरे विश्व और देश के लिए एक निवेश है। श्री धनखड़ ने फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) की स्थापना के 40 वर्ष पूर्ण होने के समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाना दुनिया और देश के वर्तमान एवं भविष्य में एक निवेश है।

उन्होंने कहा कि समान अवसरों को बढ़ावा देकर, बाधाओं को तोड़कर तथा महिलाओं की आवाज और उपलब्धियों को बढ़ाकर एक ऐसा समाज बनाया जा सकता है जो न केवल निष्पक्ष एवं न्यायसंगत, बल्कि समृद्ध और सतत् भी होगा।

लैंगिक समानता और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को एक न्यायपूर्ण और प्रगतिशील समाज के मूलभूत सिद्धांतों के रूप में स्वीकार करते हुए, उपराष्ट्रपति ने लैंगिक रुप से समान परिवेश की सराहना की और सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन और प्रवेश जैसी हालिया सकारात्मक पहलों का उल्लेख किया।

संसद में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के पारित होने का उल्लेख करते हुए‌ श्री धनखड़ ने इसे भारतीय राजनीति में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि संसद में अधिक महिलाएं उस ‘पितृसत्तात्मक मानसिकता’ को बदलने में मदद करेंगी।

महिलाओं को ‘छद्म उम्मीदवार’ के रूप में पेश करने की आशंकाओं को खारिज करते हुए, उपराष्ट्रपति ने जोर देते हुए कहा कि महिलाएं आज समाज में अपना सही स्थान पुनः प्राप्त कर रही हैं और अब उन पर उनके परिवार के पुरुष सदस्य का नियंत्रण नहीं है।

लैंगिक न्याय और सतत विकास के बीच संबंध पर श्री धनखड़ ने कहा कि लैंगिक न्याय और महिलाओं का आर्थिक न्याय सतत विकास प्राप्त करने की कुंजी है। उन्होंने कहा कि जब अधिक महिलाएं काम करती हैं तो अर्थव्यवस्था बढ़ती है।

महिलाओं को आर्थिक राष्ट्रवाद का स्वाभाविक दूत बताते हुए श्री धनखड़ ने सभी से आर्थिक राष्ट्रवाद का पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र अपने सभी पहलुओं में राष्ट्रवाद और संस्कृति के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के बिना विकास नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद विकास के लिए मूल रूप से मौलिक है

और भी

नानकमत्ता डेरा कार सेवा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या

 रुद्रपुर: उत्तराखंड के नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब कार सेवा डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। बाइक पर आए दो बदमाशों ने हत्या को अंजाम दिया। उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर ज़िले के नानकमत्ता में कार सेवा डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह को मोटरसाइकिल से आए अज्ञात हमलावरो ने गोली मार दी। डेरे के बाहर ये घटना हुई है।

गुरुवार सुबह 6.30 से 7 बजे के बीच बाबा को गोली मारी गई है, जिसके बाद उन्हें खटीमा के अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम को एक गोली पेट में, एक कलाई में और एक हाथ में लगी। बाबा की अस्पताल में मौत हो गई। अस्पताल में तरसेम सिंह को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस मुख्यालय का कहना है कि हमलावरों का पता नहीं चल पाया है। हमलावरों की पहचान जानने के लिए एसटीएफ को लगाया गया है। इस घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित की जा रही है।

मौके पर एसएसपी मंजूनाथ टीसी सहित कई अधिकारी पहुंच गए। साथ ही बड़ी संख्या में भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है।

 

 

और भी

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व विधायक सहित कई पदाधिकारी भाजपा में शामिल

भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को भाजपा कार्यालय में कांग्रेस के पूर्व विधायक शशांक भार्गव सहित अनेक पदाधिकारियों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद एवं वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी के समक्ष विदिशा के पूर्व विधायक शशांक भार्गव, रायसेन के जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष विकास शर्मा, विदिशा नगर अध्यक्ष सुरेश मोतियानी, कांग्रेस कमेटी के ब्लॉक अध्यक्ष नरेंद्र रघुवंशी, पंचायती राज विभाग के अध्यक्ष दीवान किरार, जिला उपाध्यक्ष देवेंद्र राठौर ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने अंगवस्त्र पहनाकर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा का परिवार निरंतर बढ़ रहा है। भाजपा में छोटे से कार्यकर्ता को भी बड़ी जिम्मेदारी मिलती है।

 
और भी

भाजपा के उम्मीदवार रंजनबेन और भीकाजी ठाकोर ने चुनाव लड़ने से मना किया

नई दिल्ली: भाजपा को गुजरात में एक के बाद एक बड़ा झटका लगा है। साबरकांठा लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार भीकाजी ठाकोर ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। वहीं, वडोदरा से भाजपा सांसद रंजनबेन धनंजय भट्ट ने भी चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई है। गुजरात में वडोदरा लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहीं भाजपा के मौजूदा सांसद रंजन भट्ट ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एलान किया कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों की वजह से आगामी चुनावों के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया है।

रंजनबेन धनंजय भट्ट ने एक्स पर कहा, मैं अपने व्यक्तिगत कारणों की वजह से लोकसभा चुनाव 2024 नहीं लड़ना चाहती हूं। भाजपा के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर भट्ट की अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के फैसले की पुष्टि की है। वहीं, ठाकोर ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट कर एलान किया कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। उन्होंने लिखा, मैं भीकाजी ठाकोर अपने व्यक्तिगत कारणों की वजह से लोकसभा चुनाव 2024 नहीं लड़ना चाहता हूं।

और भी

मध्यप्रदेश के 52 जिलों में ईवीएम का प्रथम रेंडमाइजेशन पूरा

18 जिलों में ईवीएम का प्रथम रेंडमाइजेशन आज हुआ

भोपाल: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनपुम राजन ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन- 2024 के संदर्भ में मध्यप्रदेश के 52 जिलों में प्रथम रेंडमाइजेशन पूरा हो गया है। 18 जिलों में ईवीएम की प्रथम रेंडमाइजेशन प्रक्रिया शुक्र‌वार को संपन्न हुई। इससे पूर्व 21 मार्च को 34 जिलों में रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया पूरी की गई थी। उन्होंने बताया कि ईवीएम रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दलों के अधिकृत प्रतिनिधियों तथा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों की अधिकृत उपस्थिति में हुई। रेंडमाइजेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन मशीनों को विधानसभा क्षेत्रवार अलॉट कर दिया गया है। ईवीएम को विधानसभा क्षेत्र के स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रख दिया गया है।

इन जिलों में हुई प्रथम रेंडमाइजेशन प्रक्रिया

इंदौर, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगौन, बड़वानी, धार, खंडवा, बुरहानपुर, उज्जैन, देवास, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर मालवा, पन्ना, गुना एवं शहडोल जिले में 22 मार्च को प्रथम चरण का ईवीएम रैंडमाइजेशन सम्पन्न कराया गया।

और भी

मुझे केजरीवाल की गिरफ्तारी का कोई दुख नहीं है : अन्ना हजारे

 नई दिल्ली: दिल्ली में शराब घोटाला मामले में ईडी ने गुरुवार की रात सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल की गिरफ्तारी पर समाजसेवी अन्ना हजारे की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उन्हें कोई दुख नहीं है।

अन्ना हजारे ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के बाद नई शराब पॉलिसी लेकर आए, जिसको लेकर मैंने उन्हें दो बार पत्र लिखा था। मुझे इस बात का दुख है कि मेरी बात नहीं मानी गई और अब वह गिरफ्तार हो गए हैं।

अन्ना ने आगे कहा कि जब अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया आंदोलन के समय हमारे साथ आए थे, तो भी मैंने उन दोनों से कहा था कि देश की भलाई के लिए काम करना है। लेकिन, दोनों ने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया। ना ही केजरीवाल ने मेरी बात मानी। ऐसे में मैं उन्हें कोई सलाह नहीं दूंगा और साथ ही मुझे केजरीवाल के हालात पर कोई दुख नहीं है।

अन्ना ने कहा कि कभी हम दोनों शराब जैसे भ्रष्टाचार के खिलाफ साथ खड़े थे और आज वो खुद शराब नीति बना रहा था।उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने कभी भी मेरी बात नहीं मानी, इसका मुझे दुख है।अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी सड़क पर है। लेकिन, केजरीवाल की पार्टी जिस तरह का जनसमर्थन चाह रही थी क्या उन्हें मिल पा रहा है यह देखना होगा?

 

 

और भी

केजरीवाल की रिमांड पर चल रही सुनवाई...

 नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में ईडी ने गुरुवार देर शाम दो घंटे की पूछताछ के बाद सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद 'आप' ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, ईडी ने केजरीवाल को आज PMLA कोर्ट में पेश किया। ईडी आज राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड की मांग करेगी।

और भी

केजरीवाल की गिरफ्तारी असंवैधानिक: प्रियंका

नई दिल्ली: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को असंवैधानिक और गलत बताया है। श्रीमती वाड्रा ने गुरुवार को देर शाम सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट में कहा कि चुनाव के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह लक्षित करना एकदम गलत और असंवैधानिक है।

कांग्रेस नेता ने कहा, राजनीति का स्तर इस तरह से गिराना न प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है, न उनकी सरकार को। अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतरकर लड़िये, उनका डटकर मुक़ाबला करिए, उनकी नीतियों और कार्यशैली पर बेशक हमला करिए - यही लोकतंत्र होता है।

श्रीमती वाड्रा ने कहा कि‌ इस तरह देश की सारी संस्थाओं की ताकत का अपने राजनीतिक मक़सद को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करना‌ और दबाव डालकर उन्हें कमज़ोर करना लोकतंत्र के हर उसूल के ख़िलाफ़ है।

उन्होंने कहा कि देश के विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज़ कर दिये गये हैं, तमाम राजनीतिक दलों और उनके नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और आयकर विभाग का दिन रात दबाव है।

एक मुख्यमंत्री जेल में डलवा दिये गये हैं, अब दूसरे मुख्यमंत्री को भी जेल ले जाने की तैयारी हो रही है। ऐसा शर्मनाक दृश्य भारत के स्वतंत्र इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है।

और भी

अब तो हम रेलवे टिकट तक नहीं खरीद सकते : राहुल गांधी

कांग्रेस का खाता फ्रीज होने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले सोनिया, खरगे और राहुल

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया और राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज किए जाने के मुद्दे पर केंद्र पर जमकर हमला बोला। केंद्र सरकार को केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और चुनावी चंदों के मुद्दों पर घेरा गया। खरगे, सोनिया, अजय माकन से लेकर राहुल तक, सभी ने मोदी सरकार को जमकर घेरा।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हमारे सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। हम कोई प्रचार नहीं कर सकते, हम अपने कार्यकर्ताओं का समर्थन नहीं कर सकते, हम अपने उम्मीदवारों का समर्थन नहीं कर सकते। हमारे लोग हवाई जहाज तो छोड़िए, रेलवे की यात्रा के लिए भी टिकट नहीं खरीद सकते। यह चुनाव से दो महीने पहले किया गया। एक नोटिस 90 के दशक से आया, दूसरा 6-7 साल पहले; कुल राशि 14 लाख रुपये और सजा हमारी पूरी वित्तीय पहचान। चुनाव आयोग ने भी कुछ नहीं कहा। यहां कोई लोकतंत्र नहीं है। पहले से ही चुनाव लड़ने की हमारी क्षमता को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हम पहले ही एक महीना खो चुके हैं।

राहुल ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाए जाने की कार्रवाई है। ऐसा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कर रहे हैं। यह विचार कि भारत लोकतंत्र है, एक झूठ है। आज भारत में कोई लोकतंत्र नहीं है। यह विचार कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, एक झूठ है। भारत के 20% लोग हमारे लिए वोट करते हैं और फिलहाल हम किसी भी चीज के लिए 2 रुपये का भुगतान नहीं कर सकते। यह चुनाव में हमें पंगु बनाने के लिए रचा गया है। भले ही आज हमारे बैंक खाते खोल दिए जाए तो भी भारतीय लोकतंत्र को काफी चोट पहुंचाई जा चुकी है।

राजनीतिक दलों को समान अवसर मुहैया हो: खरगे
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। खरगे ने कहा, भाजपा ने कांग्रेस को चुनाव मैदान से हटाने का खतरनाक खेल शुरू किया है। लोकतंत्र तभी सफल हो सकता है, जब सभी दलों के पास समान संसाधन हों। उन पर किसी एक दल का एकाधिकार न हो। सत्ताधारी पार्टी द्वारा संवैधानिक और न्यायिक संस्थाओं पर प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष नियंत्रण करने का प्रयास किया जा रहा है। चुनावी चंदा यानी बॉन्ड मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

खरगे ने कहा कि भाजपा के चंदे के खेल ने देश की छवि को ठेस पहुंचाई है। स्वस्थ लोकतंत्र पर प्रश्न उठा है। सर्वोच्च अदालत ने जिस चंदा बॉन्ड को गैर कानूनी कहा, भाजपा सरकार ने उसी के जरिए अपना खजाना भर लिया। देश में विपक्ष को नीचे गिराने का प्रयास हो रहा है। इसके दूरगामी प्रभाव होंगे। लोकतंत्र में निष्पक्ष चुनाव लड़ने में जानबूझकर बाधा खड़ी करने का प्रयास हो रहा है।  

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने चुनावी चंदा बॉन्ड से 56 प्रतिशत पैसे हासिल किए हैं। कांग्रेस को 11 प्रतिशत मिले हैं। चंदे के अलावा उनके पास नकदी भी आती होगी, जिसका कोई खाता ही नहीं है। हिंदुस्तान की 70 वर्ष की लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसा कभी नहीं हुआ। आज अधिकांश राज्यों में भाजपा के फाइव स्टार दफ्तर हैं। बतौर खरगे, मैं कहना नहीं चाहता कि भाजपा ने कंपनियों से किस तरह पैसा लिया है। खैर जो भी हो, बहुत जल्द अहम तथ्य देश के सामने आएंगे।

उन्होंने कहा कि अगर देश में निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं तो उन्हें यानी कांग्रेस को बिना किसी रोकटोक के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने दें। कोई राजनीतिक दल, आयकर के दायरे में नहीं आता। इसके बावजूद कांग्रेस से ब्यौरा मांगा जा रहा है। इस मामले में हम न्यायपालिका के फैसले का इंतजार करेंगे।  नेहरू से लेकर अब तक जो कुछ हुआ, वह अप्रत्याशित है। लोकतंत्र को कुचला जा रहा है, दबाया जा रहा है। भाजपा, पैसे के बलबूते पर एक तरफा चुनाव चाहती है। कांग्रेस पार्टी के खाते फ्रीज किए जा रहे हैं। उन्हें  तत्काल रिलीज किया जाए।

कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश: सोनिया गांधी
इसके बाद कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का असर सिर्फ कांग्रेस पर ही नहीं पड़ रहा है, बल्कि इसका असर हमारे लोकतंत्र को भी मौलिक रूप से पड़ता है। प्रधानमंत्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। पार्टी के खाते में जनता से इकट्ठा किया गया पैसा है। हमारे खातों से पैसे जबरदस्ती छीने जा रहे हैं। हालांकि, इन सब चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी हम अपने चुनाव अभियान को जोर-शोर से आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ चुनावी बॉन्ड का मुद्दा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट असंवैधानिक करार दे चुका है। चुनावी बॉन्ड से भाजपा को भारी लाभ हुआ। दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की वित्तीय स्थिति को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है। हम सभी का मानना है कि यह अलोकतांत्रिक है।

.07% अनियमितता के लिए कांग्रेस पर 106% जुर्माना लगाया गया: माकन
मामले में कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि यह सिर्फ नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से कांग्रेस पार्टी के खातों पर हमला नहीं है, बल्कि भारत में लोकतंत्र पर भी हमला है। हर राजनीतिक दल को आयकर से छूट दी गई है तो फिर कांग्रेस पर जुर्माना क्यों लगाया जा रहा है और वह भी चुनाव से ठीक पहले? सजा की इतनी है कि .07% अनियमितता के लिए कांग्रेस पर 106% जुर्माना लगाया गया। हमारे बैंक खातों से 115 करोड़ रुपये आई-टी और सरकार को ट्रांसफर कर दिए गए।

 

 

और भी

सुप्रीम कोर्ट ने फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना पर लगाई रोक

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार की उस अधिसूचना पर रोक लगा दी है, जिसमें फैक्ट चेक यूनिट लागू करने का आदेश जारी किया था। सरकार के इलेक्ट्रोनिक्स और आईटी मंत्रालय ने 20 मार्च को ही आईटी (संशोधन) कानून के तहत फैक्ट चेक यूनिट के नियम लागू करने की अधिसूचना जारी की थी। आईटी संशोधन कानून 2023 के नियमों को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले तक फैक्ट चेक यूनिट के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। सरकार ने आईटी संशोधन कानून के तहत सोशल मीडिया पर कंटेंट की निगरानी के लिए फैक्ट चेक यूनिट का गठन किया था।  


फैक्ट चेक यूनिट सरकार की तरफ से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, एक्स या इंस्टाग्राम आदि पर कंटेंट की निगरानी करेगी और ये यूनिट किसी जानकारी को फर्जी या गलत बता सकती है। फैक्ट चेक यूनिट की आपत्ति के बाद उस कंटेंट या पोस्ट को सोशल मीडिया से हटाना होगा और इंटरनेट से उसका यूआरएल भी ब्लॉक करना होगा। फैक्ट चेक यूनिट एक नोडल एजेंसी होगी।

आईटी नियमों में संशोधन के खिलाफ स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में आईटी संशोधन कानून के नियमों को असंवैधानिक और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया गया। एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि फर्जी खबरें तय करने की पूरी शक्ति सरकार के हाथ में आ जाएगी, जो कि मीडिया की आजादी के विरोध में है। बॉम्बे हाईकोर्ट की तीन जजों, जस्टिस जीएस पटेल, जस्टिस नीला गोखले और जस्टिस चंदूरकर की पीठ फैक्ट चेक यूनिट पर रोक लगाने को लेकर एकमत नहीं सकी और रोक लगाने से इनकार कर दिया। अभी भी फैक्ट चेक यूनिट मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां से अब उन्हें राहत मिली है।

 

 

और भी

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मतदाता जागरुकता वाहनों को हरी झंडी दिखाई

जागरूकता वाहन मतदाताओं को वोट करने के लिये प्रेरित करेंगे

भोपाल:  मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बुधवार को निर्वाचन सदन, भोपाल से मतदाता जागरुकता के लिये तैयार किये गये 75 विशेष प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। श्री राजन ने बताया कि विधानसभा निर्वाचन-2023 में प्रदेश के 26 जिलों की 75 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत 75 फीसदी से कम रहा था। इन 75 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिये ये विशेष जागरुकता वाहन तैयार किये गये हैं। इन वाहनों में बैनर्स, पोस्टर्स, स्लोगन्स, प्लाज्मा टीवी के जरिये मतदाता जागरुकता गीत, रील, वीडियो आदि दिखाकर मतदाताओं को उनके मताधिकार का उपयोग अवश्य करने के लिये अभिप्रेरित किया जायेगा। ये प्रचार वाहन अगले एक महीने तक (लोकसभा निर्वाचन-2024) के दौरान संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में रहकर अधिकतम आबादी तक पहुंचकर वोटिंग के लिये प्रेरित करने का कार्य करेंगे।

अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कुमार कौल, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिककारी बसंत कुर्रे, मनोज खत्री, तरूण राठी और विवेक श्रोत्रिय, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, भोपाल कौशलेंद्र विक्रम सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

इन जिलों में भेजे गये हैं प्रचार वाहन

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजन ने बताया कि ये प्रचार वाहन 26 जिलों क्रमश: मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, दतिया, गुना, सागर, छतरपुर, दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, कटनी, जबलपुर, भोपाल, देवास, खण्डवा, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, उज्जैन एवं रतलाम भेजे गये हैं।

और भी

छत्तीसगढ़ के जैविक उत्पादों की दिल्ली में डिमांड

किसान मेला में जमकर हो रही ख़रीदारी

नई दिल्ली: होली से पहले दिल्ली में किसानों का मेला लगा है, जहां छत्तीसगढ़ से शुद्ध और जैविक उत्पाद लेकर महिला किसान शामिल हुई हैं। जिसे खरीदने के लिए लोगों की काफी भीड़ उमड़ रही है।

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम और लघु कृषक कृषि व्यापार संघ की तरफ से दिल्ली के हौज़ खास स्थित एनसीडीसी कैंपस में किसान उत्पादक संगठन (FPO) का मेला लगा है। तीन दिनों तक चलने वाले इस मेले में 18 राज्यों के 40 किसान उत्पादक संगठन शामिल हुए हैं। इस मेले में किसान संगठनों की शानदार प्रदर्शनी लगी है।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सत्य साईं महिला बहुद्देशीय सहकारी मर्यादित द्वारा अपने क्षेत्र में तैयार उत्पादों का स्टॉल लगाया गया है। इस स्टॉल में दिल्ली के अलावा दूर-दूर से आए लोग शुद्ध और जैविक उत्पाद खरीद रहे हैं। यहां लोग मिलेट्स यानी मोटे अनाज और उससे बने अलग-अलग उत्पादों को खरीद सकते हैं। इसके अलावा शुद्ध और बेहतर क्वालिटी के शहद, मसाला, आचार, साबुन आदि जैसे कई उत्पाद उपलब्ध हैं। स्टाल में मोटे अनाज व सोयाबीन से बना मल्टीग्रेन आटा उपलब्ध है, जो कि वेटलॉस, डाइजेशन, इम्युनिटी के लिए काफी कारगर है। इसके अलावा अलग-अलग फ्रेगरेंस के लीपबाम, सोप, फूट क्रीम लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं। खासकर वनीला, ग्रैप्स व ऑलिव ऑइल से बने लीप बाम की खास डिमांड है। वहीं, बाजार के मुक़ाबले इनकी कीमत भी काफी कम हैं।

सत्य साईं महिला बहुद्देशीय सहकारी मर्यादित से जुड़ी गिरिजा बंजारी ने बताया कि उनके संगठन से 300 से ज्यादा महिला किसान जुड़े हैं। ये महिलाएं कई तरह के जैविक उत्पादों को तैयार करती हैं। जिसे देश के अलग-अलग हिस्सों में बेचा जाता है। उन्होंने बताया एनसीडीसी के अधिकारियों को भी स्टाल के उत्पाद काफी पसंद आए, उन्होंने भी ख़रीदारी की है।

और भी